-बजट पेश होने के बाद रातोंरात बढ़ा दिए महंगे हुए सामानों के रेट्स

-हर चट्टी, चौराहों पर होता दिखा बजट का डिस्कशन

VARANASI:

Case-1

महमूरगंज के मुन्ना मिश्रा फ्राइडे को सुबह ऑफिस निकलते वक्त रथयात्रा क्रॉसिंग के पास पान की एक शॉप पर रुके। वहां से एक फेमस ब्रांड की तम्बाकू का पैकेट लिया। दस रुपये निकाल कर दिए तो शॉपकीपर ने कहा कि इसकी प्राइस अब बारह रुपये हो गयी है। भाई साहब, कल का बजट नहीं देखे क्या? तम्बाकू का रेट बढ़ गया है। गौरतलब यह है कि उस पैकेट का प्रिंट रेट दस रुपये ही था।

अभी बात चल ही रही थी कि तभी उनके फ्रेंड गप्पू दुबे भी वहां आ गए। उन्होंने सिगरेट लेने के लिए सात रुपये दिए तो शॉपकीपर ने कहा कि सिगरेट का रेट भी बढ़कर आठ रुपये हो गया है। गप्पू ने पूछा कि थर्सडे की नाइट में यही सिगरेट सात रुपये की दी थी तो अचानक कुछ घंटों में क्या बदल गया कि रेट बढ़ा दिया? सुबह में आठ रुपये क्यों? शॉपकीपर ने कहा कि कल के बजट में सिगरेट व गुटखा के रेट्स बढ़ गए हैं। गप्पू व मुन्ना यह सुनकर सरप्राइज्ड रह गए।

Case-2

इसके बाद मुन्ना मिश्रा बाइक लेकर सिगरा स्थित एक पेट्रोल पंप पर तेल लेने के लिए पहुंचे। वहां उन्होंने पंप वर्कर्स से पूंछा कि क्या पेट्रोल डीजल का रेट बढ़ा है। वर्कर्स ने कहा- नहीं।

Case-3

मलदहिया के अनुज सिंह ने दो सौ एमएल की एक कोल्ड ड्रिंक अपने घर के नुक्कड़ के बाहर खरीदी। शॉपकीपर को बारह रुपये देने लगे तो उसने बोला कि साहब जी दो रुपये और चाहिए। गुरुवार की रात से ही रेट बढ़ गया है। बजट में पढ़े नहीं क्या, कोल्ड ड्रिंक्स का रेट बढ़ गया है।

Case-4

सोनिया निवासी मनीष सिंह अपने फादर के लिए मेडिकल स्टोर पर दवा लेने के लिए गए लेकिन उन्हें प्रिंट रेट पर ही दवा मिली।

यह तो महज सिर्फ एक बानगी भर है। हर चट्टी, चौराहों पर सिर्फ बजट ही चर्चा का केंद्र बना रहा। बजट में जिन चीजों को महंगा किया गया है उसके बढ़े हुए रेट्स थर्सडे की रात से ही शॉपकीपर्स ने लागू कर दिया है। जबकि प्रिंट रेट से अधिक पर किसी चीज को बेचना कानूनन सही नहीं है। वहीं दूसरी तरफ बजट के मुताबिक जिनके रेट्स गिरे हैं उनके रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

यह तो सरासर गलत हो रहा है। बजट तो अभी पेश हुआ है। इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। शॉपकीपर्स अपनी मनमानी कर रहे हैं। इस पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट को एक्शन लेना चाहिए।

बीडी यादव,

स्टूडेंट, काशी विद्यापीठ

सिगरेट, गुटखा व कोल्ड ड्रिंक्स के रेट्स बढ़ाने का बजट पेश हुआ है। कोल्ड ड्रिंक्स, गुटखा पर जो प्राइज दिया गया है उससे दो रुपये अधिक अभी से ही लिए जा रहे हैं।

कुलदीप पाण्डेय,

इंग्लिशिया लाइन

इन पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है। जिसे महंगा करना है उसका रेट तुरंत बढ़ा दिया गया। लेकिन जिसे सस्ता करना है उसे सस्ता नहीं कर रहे। ऐसा करना बिल्कुल गलत है।

विनय तिवारी,

सामनेघाट

महंगे होने वाले सामानों के रेट्स को आधी रात से ही कुछ शॉपकीपर्स ने बढ़ा दिया है। जबकि सस्ता करने वाले सामानों को सस्ता नहीं कर रहे हैं। यह तो बिल्कुल गलत है।

निरंजन कुमार