JAMSHEDPUR: रैयती जमीन पर बनी जी प्लस टू आवासीय इमारतों के ही नक्शे नियमित किए जाएंगे। सरकारी जमीन पर बनी इमारतों के नक्शे नियमित नहीं होंगे। जी प्लस टू इमारतों की ऊंचाई भी निर्धारित कर दी गई है। ये ऊंचाई 10 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। क्षेत्रफल 5000 वर्ग मीटर तक होना चाहिए। 10 मीटर से अधिक ऊंची और 5000 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाली इमारतों को भी नियमित नहीं किया जाएगा।

नगर विकास विभाग का निर्देश

नगर विकास विभाग के जारी निर्देश के अनुसार अगले साल मार्च तक आवेदन लिए जाएंगे। आवेदकों से प्रति वर्ग मीटर जुर्माना भी लिया जाएगा। नगर विकास विभाग ने शहर की बनी इमारतों के नक्शे नियमित करने का एलान किया है। इस एलान के बाद नागरिक भी दुविधा में हैं। इसलिए, नगर विकास विभाग मंगलवार को रांची स्थित अपने कार्यालय में कार्यशाला करेगा। इस कार्यशाला में नगर विकास विभाग के अधिकारी स्थानीय निकाय के इंजीनियरों की दुविधा दूर करेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि इमारतों को किस प्रक्रिया के तहत नियमित करना है।

करेंगे एक मीटिंग

जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी) के अधिकारी अपने कार्यालय में बिल्डरों के साथ एक बैठक भी करेंगे। इस बैठक में इमारतों को नियमित करने पर मंथन होगा और बिल्डरों को इसके नियमों से अवगत कराया जाएगा। मानगो अक्षेस और जुगसलाई नगर पर्षद ने योजना को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि छह दिन के अंदर उनके पास इलाके में रैयती जमीन पर बिना नक्शा पास कराए बनी इमारतों की सूची आ जाएगी।

विचलन वाली इमारतें भी होंगी नियमित

नगर विकास विभाग द्वारा जारी मानक के तहत आने वाली आवासीय इमारतों के विचलन को भी नियमित किया जाएगा। यानि अगर 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली 10 मीटर ऊंची जी प्लस टू इमारतों को नक्शे के अनुरूप नहीं बनाया गया है तो स्थानीय निकाय इन इमारतों के नक्शे भी नियमित कर देंगे।

व्यवसायिक इमारतें नहीं होंगी नियमित

नगर विकास विभाग की इस योजना के तहत व्यवसायिक इमारतों को नियमित नहीं किया जाएगा। योजना में सिर्फ आवासीय इमारतों को ही नियमित करने का प्रावधान रखा गया है। जमशेदपुर में व्यवसायिक इमारतों में भी नक्शा विचलन है।