- बल्क एसएमएस करते वक्त नहीं होती चेकिंग

- कुछ प्राइवेट ऑपरेटर्स नौकरी का लालच देकर कंज्यूमर्स को लगा रहे हैं चूना

GORAKHPUR : 'हाय 9455 सैलरी 35000 प्रति महीना। सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन में वैकेंसीज। जल्दी कॉल करें 54000305 पर। लाइंस फ्री हैं'। अगर आप बीएसएनएल यूजर हैं और यह मैसेज आपके भी मोबाइल में आता है, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। नौकरी पाने की चाह में बैठे बेरोजगार को ठगने के लिए कुछ प्राइवेट कंपनीज अब उनके जज्बातों के साथ खेलने में लग गई हैं। नौकरी पाने की चाह रखे हजारों बेरोजगार इनके झांसे में आकर अपना पैसा गंवा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह सर्विस प्रोवाइड करने वाली बीएसएनएल की अनदेखी है, जिनकी वजह से सैकड़ों कंज्यूमर्स को चूना लग रहा है।

3 रुपए पर मिनट की दर से डिडक्शन

एक बार यह मान लिया जाए कि यह बेरोजगारों को ठगने के लिए नहीं बल्कि उनकी हेल्प करने के लिए उन्होंने कदम उठाया है। मगर यह तब सही साबित होगा जब अभी इंटरव्यू के लिए डेट बची हो, लेकिन बीएसएनएल की ओर से भेजे गए बल्क एसएमएस जब यूजर्स तक पहुंचा तो नौकरी की चाह में उन्होंने भी फोन घुमा दिया। नतीजा उनके मोबाइल बैलेंस से 3 रुपए प्रति मिनट की दर से पैसे कट गए, वहीं नौकरी की इंफॉर्मेशन के बजाए उन्हें वेबसाइट का अड्रेस बता दिया गया।

इंटरव्यू के बाद पहुंचा मैसेज

कालीमंदिर के पीछे रहने वाले शहाब अहमद की मानें तो उनके पास थर्सडे को यह मैसेज आया। नौकरी की चाह में उन्होंने कॉल कर दी। तो दूसरी तरफ से कंप्यूटराइज अनाउंसमेंट सुनाई दिया, जिसमें निकली वैकेंसी का वेबसाइट अड्रेस देने लगा। इसके बाद जब उन्होंने वेबसाइट पर जाकर सर्च किया तो उन्हें झटका लगा। पहले मोबाइल कॉलेज के दौरान उनके पैसे डिडक्ट हुए, वह भी उस वैकेंसी के लिए जिसका इंटरव्यू 6 जनवरी को ही हो चुका था। जबकि इसके लिए उन्हें 8 जनवरी को मैसेज मिला। बीएसएनएल की इस अनदेखी का शिकार सिर्फ शहाब ही नहीं बल्कि हजारों बीएसएनएल यूजर्स हुए हैं, जिनको यह मैसेज मिला है और अभी तक वह बेरोजगार हैं।

हमने तो सिर्फ एड पोस्ट किया था

इस मामले में जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन के अधिकारियों से बात की तो पता चला कि उन्होंने किसी तरह के मैसेज की बुकिंग कराई ही नहीं। सीसीआईएम के प्रसिडेंट वेनिता मुरली कुमार की मानें तो उन्होंने अपनी वेबसाइट http://www.ccimindia.org/ पर इसको पोस्ट किया था, जिसका इंटरव्यू म् जनवरी को हो गया। यह बात वेबसाइट पर मौजूद इंफॉर्मेशन में मेंशन भी की गई थी। उन्होंने किसी भी बल्क एसएमएस की बुकिंग नहीं की। इंटरव्यू के बाद मैसेज पहुंचना और डिपार्टमेंट का बल्क मैसेजिंग से इनकार करना, इस बात की ओर साफ इशारा करता है कि कहीं न कहीं कोई फ्रॉड चल रहा है। उनका टारगेट अब बेरोजगार हैं।

बल्क एसएमएस बीएसएनएल के साथ प्राइवेट एजेंसीज भी बुक करती हैं। बीपी-म्भ्ब्000 भी प्राइवेट एजेंसी की आईडी हो सकती है। बीएसएनएल इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।

- बलबीर सिंह, डीजीएम, बीएसएनएल