देहरादून

बुल कार्ट (भैंसा गाड़ी) का 1000 रूपए का चालान काटकर चर्चा में आई देहरादून पुलिस की पूरे देश में किरकिरी हो रही है। गलत चालान काटने के मामले पर एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच एसपी ट्रैफिक करेंगे, लेकिन इस चालान को लेकर पुलिस महकमें में घमासान मच गया है। एक तरफ पुलिस स्मार्ट मशीन से चालान कर रही है, दूसरी तरफ पुलिस के सब इंस्पेक्टर को एमवी एक्ट की परिभाषा की पता नहीं होना उत्तराखंड पुलिस की ट्रेनिंग पर ही सवाल खडे़ कर रहा है। एसएसपी ने जिले में एसआई स्तर और उससे ऊपर के उन सभी पुलिस वालों को एमवी एक्ट व पुलिस एक्ट में किए जाने वाले चालान के लिए फिर से एजुकेट करने के बाद उनका टेस्ट लेने पर ही चालान बुक इश्यू करने के निर्देश दिए हैं। एसपी ट्रैफिक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सैटरडे को सहसपुर थाने के एसआई पंकज ने सड़क किनारे खड़ी एक भैंसा गाड़ी का एमवी एक्ट में चालान कर दिया था। चालान में न गाड़ी का नंबर लिखा, न एमवी एक्ट की धारा का जिक्र। ऐसे में भैंसा गाड़ी मालिक ने पुलिस पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने और गाड़ी में भरा सामान भी फेंक देने के आरेाप लगाए थे और चालान की एक कॉपी लेकर कोर्ट में जाने की चेतावनी दी थी। बाद में पुलिस को गलती का अहसास हुआ तो चालान की कॉपी वापस लेकर निरस्त कर दी, लेकिन पुलिस की यह करतूत वायरल हो गई।

दून पुलिस की कारस्तानी सोशल मीडिया पर वायरल:

भैंसा गाड़ी का एमवी एक्ट में 1000 रुपए का चालान काटने का मामला न्यूज पेपर्स में पब्लिक हुआ तो उसकी कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। देश भर में देहरादून पुलिस की कारगुजारी चर्चा में आ गई। एसएसपी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए। एसपी ट्रैफिक को मामले की जांच करने के साथ ही भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो इसके लिए चालान का अधिकार रखने वाले आफिसर्स को फिर से एजुकेट करने के निर्देश दिए।

पुरानी चालान बुक्स की खंगालेगी पुलिस:

पुलिस इस केस के चर्चा में आने के बाद अब पुरानी चालान बुक्स भी खंगालने की तैयारी कर रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि चालान काटने में किस तरह की गलतियां हो रही है .अगर ऐसे कोई चालान और भी मिलते हैं, तो उन पर जिस ऑफिसर के सिग्नेचर हैं, उनको भी तलब किया जाएगा।

पहले चालान की शिक्षा, फिर मिलेगी बुक:

एसपी ट्रैफिक को जिन अधिकारियों को चालान का अधिकार है, और जिनके पास चालान बुक व चालान की मशीनें हैं, उनका रिव्यू करने के आदेश दिए गए हैं। सब इंस्पेक्टर से ऊपर के ऐसे सभी पुलिस वाले जिन्हें चालान बुक या मशीन दी गई है, उनको पहले एसपी ट्रैफिक एमवी एक्ट और पुलिस एक्ट का पाठ पढाएंगे फिर उनका टेस्ट लेंगे। तब चालान बुक व मशीन दी जाएगी। ्र

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भैंसागाड़ी का चालान मामले में जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही एसपी ट्रैफिक को इस बात के लिए भी कहा गया है कि चालान के लिए ऑथराइज पुलिस ऑफिसर्स को एजुकेट करें, तब ही उन्हें चालानबुक या मशीन दी जाए।

अरूण मोहन जोशी, एसएसपी, देहरादून