47 हजार जिले में कुल लाइसेंस

02 हजार ऑनलाइन फीडिंग के लिए शेष वरासत असलहे

200कारतूस खरीद सकते हैं सालाना

100कारतूस है एक बार में परचेज करने की लिमिट

03यूपी में प्रयागराज का असलहा लाइसेंस संख्या में स्थान

सख्त नियमों के चलते ठप पड़ी है कारतूस की बिक्री

वरासत के कई लाइसेंस नही हुए ऑनलाइन

खोखा जमा किए जाने का नियम भी बना है गले की फांस

PRAYAGRAJ: सरप्राइजिंग है। पब्लिक के पास लाइसेंस है। इसके आधार पर लाखों खर्च करके खरीदा गया असलहा है। लेकिन, फायर करने के लिए गोलियां ही नहीं हैं। लोग गन हाउस का चक्कर काट रहे हैं लेकिन सफलता नही मिल रही। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। सबसे अहम खोखे जमा कराने का नियम है तो दूसरे हजारों वरासत के असलहों को ऑनलाइन फीड नही किया गया है जिससे उनको दुकानदार लाइसेंस इश्यू नही कर पा रहे हैं।

दो हजार से अधिक की नहीं है फीडिंग

बदले गए नियमों के अनुसार वरासत के लाइसेंसों की नई यूनिक आईडी बनाई जाएगी फिर इसकी ऑनलाइन फीडिंग होगी।

कारतूस भी तभी दिए जाएंगे जब असलहा ऑनलाइन फीड होगा।

पिछले दो साल से दो हजार लाइसेंस की फीडिंग नही होने से उनको कारतूस भी नही दिया जा रहा है।

इस पर असलहाधारी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

क्या कहता है नियम

गोली तभी मिलेगी जब पुराने कारतूस के 80 फीसदी खोखे जमा किए जाएंगे।

तकरीबन 20 से 30 फीसदी मामलों में लोग खोखे पेश नही कर पाते हैं।

जिससे उनको कारतूस मुहैया कराना मुश्किल होता है।

असलहा मालिकों का कहना है कि अक्सर लोग खोखे जमा करना भूल जाते हैं जिससे उनको आगे परेशानी होती है।

कारतूस नही मिलने से गन हाउस भी सन्नाटे में आ गए हैं।

संचालकों का कहना है कि सरकार को नियमों में शिथिलता बरतनी चाहिए।

नए असलहों का लाइसेंस नही इश्यू हो रहा है।

यूपी की जनसंख्या 22 करोड़ा हैं और यूपी में 11 लाख लाइसेंस हैं जो एक परसेंट भी नही हैं।

एनसीआरबी के आंकड़े भी कहते हैं कि 90 फीसदी वारदात इल्लीगल असलहों से होती हैं तो फिर नार्मल असलहों पर सख्ती बरतने की मतलब है।

दीपावली पर होती है अधिक बिक्री

दीपावली पर कारतूसों की बिक्री का ग्राफ बढ़ जाता है। इसके पीछे रीजन जो भी हो लेकिन लोग गन हाउस का चक्कर काट रहे हैं। नियमों के चलते उन्हें वापस असलहा विभाग भेज दिया जाता है। यहां भी नियमों की दुहाई दी जाती है। कुल मिलाकर जिले में 47 हजार असलहे हैं लेकिन गोली के लिए 90 फीसदी से अधिक तरस रहे हैं।