-पूर्व उपमुक्यमंत्री सुशील मोदी ने उठाए सवाल

PATNA : बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बुलेट ट्रेन का विरोध करने पर लालू पर जमकर निशाना साधा है। कहा कि कभी सूचना क्रांति का मजाक उड़ाने वाले लालू यादव अब बुलेट ट्रेन का विरोध कर रहे हैं, तो क्या वे पटना में मेट्रो ट्रेन चलाने का भी विरोध करेंगे? लालू का एक बेटा ख्0 लाख की बाइक से तो दूसरा बेटा एक करोड़ की कार से घूमता है। लालू और उनके बेटे राजधानी और शताब्दी जैसी हाईस्पीड ट्रेनों से सफर करते हैं, लेकिन आम आदमी को पैसेंजर ट्रेन से आगे की सुविधा देने को फिजूलखर्ची बताते हैं। चुनाव के दौरान भी उन्होंने कार्यकर्ताओं से टांगा पर प्रचार करने को कहा, लेकिन खुद हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव गरीबों को बैलगाड़ी-लालटेन के युग में रखना चाहते हैं, इसलिए आईटी से लेकर बुलेट ट्रेन तक, विकास के हर आधुनिक साधन का विरोध करते हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सवाल कि क्या अंतरिक्ष शोध कार्यक्रम और शताब्दी-राजधानी जैसी ट्रेनों को भी बंद कर देना चाहिए ? एक राजधानी ट्रेन को बंद कर दस पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। क्या लोगों को उसी दौर में लौटना चाहिए, जब दिल्ली पहुंचने के लिए ख्0-ख्ब् घंटे लगते थे? क्या म्-लेन सड़कों पर पैसा खर्च न कर सरकार को केवल पगडंडी बनानी चाहिए? फिर पटना में गांधी सेतु के समानान्तर गंगा पुल बनाने के लिए भ्000 करोड़ रुपए की भी क्या जरूरत है ? क्या लोगों को पीपा पुल और नौका से काम चलाना चाहिए ?

सुशील मोदी ने कहा कि मेट्रो पर क्7भ् करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर और विजयवाड़ा मेट्रो पर ख्88 करोड़ रुपये प्रति किमी। खर्च आया, जबकि बुलेट ट्रेन पर मात्र क्ब्0 करोड़ रुपए प्रति किमी की लागत आएगी। जापान ने भारत को केवल बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 0.क् फीसद व्याज पर भ्0 साल के लिए ऋण दिया है। जापान की तकनीक श्रेष्ठता का लाभ भी मिलेगा। लालू प्रसाद बताएं कि क्या भारत को विकास की गति तेज करने वाली बुलेट ट्रेन चलाने का अवसर छोड़ देना चाहिए?