अक्टूबर में होगा बदलाव
बता दें कि इसी कड़ी में पहली से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम को अक्टूबर माह से 25 फीसद कम कर दिया जाएगा। इसको लेकर उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बाकायदा घोषणा भी कर दी है। उनका कहना है कि उन्होंने बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की बात कही थी। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने पहले 8वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में 25 फीसदी कमी करने की दिशा में काम करना अब शुरू कर दिया है।

योजना की रूपरेखा तैयार
विभाग ने अनेक शिक्षाविदों, अध्यापकों, अभिभावकों और अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस योजना की रूपरेखा को तैयार कर लिया है। अगले महीने से इसे सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा। इसको लेकर सिसोदिया ने कहा है कि बच्चों का बचपन बस्तों के बोझ के नीचे दबा जा रहा है। इस विषय पर देशभर में काफी दिनों से चर्चा हो रही है। वहीं दिल्ली में अब वे इस बोझ को कम करने जा रहे हैं।

किया गया इसपर भी विचार  
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इसको लेकर इस बात पर भी चर्चा हुई कि शिक्षा सत्र के बीच में यह फैसला लागू करना क्या ठीक रहेगा। इसके आगे उन्होंने ये बताया कि पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे विषय हैं, जिनकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं है। ऐसे में बच्चों को अनावश्यक रूप से उन्हें पढ़ाए जाने का कोई मतलब नहीं है।

आगे होगा ऐसा भी बदलाव
सिसोदिया ने बताया कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि खेल, कला, साहित्य, संगीत, थिएटर जैसी विधाओं में भी उसकी भागीदारी बढ़े। भारी-भरकम पाठ्यक्रम के कारण बच्चों को इसके लिए समय ही नहीं मिल पाता। अगले सत्र से सरकार 9वीं से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में भी 25 फीसदी की कमी कर देगी। इसकी जगह स्किल डेवलपमेंट, थिएटर, कला, संगीत, खेलकूद को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाएगा। इस दिशा में शिक्षा विभाग का प्रयास अभी जारी है।

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