-रिम्स में मरीजों की मौत के बाद शव ले जाने की टेंशन

-रांची में के लिए भी मांगते है दो से तीन हजार किराया

-मुंहमांगी रकम चुकाने को मजबूर परिजन

-वार्ड में मरीज की मौत से पहले ही तैनात रहते हैं दलाल

RANCHI: रिम्स में मरीजों की मौत के बाद उनकी लाश पर कारोबार हो रहा है। मरीज की मौत होते ही परिजनों को शव घर ले जाने की टेंशन हो जाती है। इसका फायदा उठाकर यहां के एंबुलेंस चालक और दलाल परिजनों से मुंह मांगी रकम वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं, शव ले जाने के लिए परिजन एंबुलेंस चालकों से लाख मिन्नतें करते हैं, पर उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। थक हारकर परिजन ज्यादा पैसे देकर शव ले जाते हैं। रिम्स में मौत के बाद लाश से भी ये लोग पैसे वसूलने से बाज नहीं आ रहे हैं।

जिंदा इंसान से ज्यादा लाश की कीमत

हास्पिटल में आने वाले मरीजों को तो लाने ले जाने में उतना चार्ज नहीं लग रहा, जितना उनके शव को ले जाने में लग रहा है। एक मरीज को अगर रांची में कहीं ले जाना हो, तो उसके लिए भ्00 रुपए से हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। लेकिन रिम्स से मोरहाबादी एक शव ले जाने के लिए दो हजार रुपए परिजनों से मांगे जा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां जिंदा इंसान से ज्यादा लाश की कीमत है।

हर दिन ख्0 मरीजों की मौत

रिम्स में हर दिन करीब ख्0 मरीजों की मौत हो जाती है। इसमें से तीन-चार लोग ही शव को अपनी गाडि़यों में लेकर जाते हैं। बाकी के लोग एंबुलेंस हायर कर शव ले जाने का जुगाड़ करते हैं। चूंकि बर्न वार्ड में जले हुए अधिक मरीज आते हैं। उसमें भी 70-80 फीसदी तक जले हुए मरीजों के बचने की उम्मीद कम रहती है। ऐसे में यह आंकड़ा कई बार ख्0 के पार भी हो जाता है।

दलालों का दबदबा, एंबुलेंस चालकों की चांदी

हास्पिटल में दलालों का दबदबा कायम है। इन दलालों को रिम्स में मरीज की मौत की सूचना पहले ही मिल जाती है। ऐसे में ये दलाल वार्ड पहुंच जाते हैं और परिजनों से शव ले जाने के लिए संपर्क करते हैं। फिर डील शुरू होती है। ये लोग अपनी तरफ से मुंह मांगी रकम मांगते हैं। तब परिजन इन दलालों के सामने पैसे कम करने के लिए गिड़गिड़ाने लगते हैं, लेकिन इनका दिल नहीं पसीजता।

केस वन

मोरहाबादी का ख्000 किराया मांगा

मोरहाबादी में रहने वाले किशोर कुमार की मां की मौत इलाज के दौरान हो गई। उन्होंने रिम्स के बाहर खड़ी एंबुलेंस में जाकर शव ले जाने की बात कही। इस पर एंबुलेंस चालक ने दो हजार रुपए चार्ज बताया। काफी मिन्नतें करने के बाद क्भ् सौ रुपए में शव को ले जाया गया।

केस टू

चतरा के लिए पांच हजार

चतरा के सुरेश महतो के दादाजी की मौत एक्सीडेंट में हो गई। रिम्स पहुंचने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान परिजनों ने बॉडी ले जाने के लिए एंबुलेंस हायर किया। एंबुलेंस वाले ने चतरा जाने के लिए पांच हजार रुपए मांगे। साथ ही कहा कि अगर दूरी बढ़ती है, तो और पैसे देने होंगे।