सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों का दावा

सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि इतनी जटिल स्थिति में किया गया यह पहला सफल ऑपरेशन है. बरेली की हंसती-खेलती बच्ची भवलीन मई के अंतिम सप्ताह से बेहद चिड़चिड़ी हो गई थी. लगातार तेज बुखार रहने व डायरिया से पीडि़त होने पर उसे शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया. विशेषज्ञ ने लक्षणों के आधार पर दवाएं दीं, लेकिन बुखार कम नहीं हुआ. इसके बाद कुछ जांच करवाई गई, जिसमें उसके दिल का आकार काफी बढ़ा हुआ मिला.

हृदय के पिछले हिस्से में द्रव जमा था

उसे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में रेफर कर दिया गया. यहां जांच में पता चला कि हृदय के पिछले हिस्से में द्रव जमा हो गया है. बच्ची की बाईं कोरोनरी आर्टरी (धमनी) फट गई थी. बच्ची की सर्जरी में अहम भूमिका निभाने वालेडॉक्टर धीरेन ने बताया कि इसके बाद बाइपास सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह गया था. सर्जरी के दो दिन बाद बच्ची को गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) से जनरल वार्ड में भेज दिया गया. अब वह बिल्कुल ठीक है.

Report by: Mridula Jha (Dainik Jagran)

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