मुजफ्फरनगर (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश में प्रशासन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में तोड़फोड़ करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। सरकार के आदेश के बाद से जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यहां मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 46 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में नोटिस भेजा है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार द्वारा गठित एक पैनल द्वारा यह कदम उठाया गया है।

नोटिस में आरोपियों को 9 जनवरी तक जवाब देना

अमित कुमार ने कहा कि जिले में 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित बर्बरता में इन लोगों को शामिल पाया है। नोटिस में आरोपियों को 9 जनवरी तक जवाब देना है। वहीं नागरिकता संशोधन कानून के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए चार मदरसा छात्रों को एक अदालत के आदेश पर रिहा कर दिया गया क्योंकि पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी।

उत्तर प्रदेश में भी विरोध की चिंगारी भड़की थी

बता दें कि बीते 16 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में भी विरोध की चिंगारी भड़की थी। लोग सड़कों पर उतरे थे। वाहनों आदि को जलाया जा रहा था। इस दाैरान बिगड़े हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला नागरिक और पुलिस प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देर रात बैठक बुलाई थी। सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट रहने और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा था।

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