कानपुर/मेरठ (एजेंसियां)। मेरठ के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के कथित तौर संशोधित नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पाकिस्तान जाने के लिए कहने ने विवाद का रूप ले लिया है। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने अपनी ओर सफाई दी है साथ ही एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने अमन में खलल डालने की कोशिश करार दिया है। वहीं कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने इसको लेकर ट्वीट किया।

प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।' वहीं उत्‍तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्‍ता शलभ मणि त्रिपाठी ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि 'सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए, अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले ग़द्दारों को पाकिस्तान जाने को क्‍यूं कहा!!'

20 दिसंबर की घटना
यह घटना 20 दिसंबर को लिस्कारी गेट पुलिस स्टेशन इलाके की बताई जाती है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 1.43 मिनट के वीडियो में, मेरठ के पुलिस अधीक्षक अखिलेश नारायण सिंह अन्य पुलिस कर्मियों के साथ एक पतली गली में तीन लोगों से बात करते हुए देखे जा सकते हैं। उन्‍होंने कथित तौर पर कहा, 'ये जो काली और पीली पट्टी बांधे हुए हैं इनको कह दो पाकिस्तान चले जाओ...खाओगे यहां का, गाओगे कहीं और का।' 'यह गली मुझे याद हो गई है, याद रखना और जब मुझे याद हो जाता है तो मैं नानी तक पहुंचता हूं।' सिंह ने दावा किया कि उन्होंने ऐसे लोगों के समूह को बयान दिया था जो पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे। 'मैंने उन्हें सलाह दी कि वे उस जगह पर जाएं, जिसके समर्थन में वे नारे लगा रहे थे।' उन्होंने कहा।

एडीजी ने इसे साजिश करार दिया
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने कहा कि यह घटना 20 दिसंबर को शहर में विरोध प्रदर्शन के बाद हुई। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसबीपीआई) के समर्थन में आपत्तिजनक पर्चे बांट रहे थे। कुमार ने कहा कि इसके बारे में जानकारी मिलने के बाद, एसपी सिटी और डीएम सिटी ने घटनास्थल पर जाकर लोगों से कहा कि वे अगर जाना चाहें तो जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो एक साजिश का हिस्सा था क्योंकि यह घटना के एक सप्ताह बाद प्रसारित किया जा रहा है, जब इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में 5 की जान गई&

समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी ने शीर्ष अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें संयम बरतना चाहिए और असंवैधानिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वह जिन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, वे भी भारत के निवासी थे, उन्होंने कहा। संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर में हिंसा में पांच लोग मारे गए थे। प्रदर्शनकारियों ने दो दर्जन से अधिक पुलिस वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया।


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