- इंडिपेंडेंट टीवी के नाम से दिया था कनेक्शन

- जिले में पांच हजार तो मंडल में 18 हजार कनेक्शन हो गए बंद

- क्रिकेट व‌र्ल्ड कप न देख पाने का कंज्यूमर्स को मलाल

GORAKHPUR: उम्मीद से ज्यादा का ख्वाब दिखा पब्लिक को लूटने का गेम काफी पहले से चला आ रहा है। कोर्ट और थानों में ऐसे केसेज की लाखों फाइलें धूल फांकती रहती हैं। दुख तो इस बात का है कि बार-बार ठगे जाने के बाद भी पब्लिक जालसाजों की स्कीम में फंस ही जाती है। इस बार फ्रॉड कंपनी ने गोरखपुराइट्स को मनोरंजन के नाम पर ठगा है। नोएडा की कंपनी इंडिपेंडेंट टीवी गोरखपुर शहर में एक स्कीम लाई। कंज्यूमर्स को इस स्कीम में केवल दो हजार रुपए में ही एक साल तक 500 चैनल देखने की फैसिलिटी मिल रही थी। कम खर्च में ज्यादा मिलता देख 18 हजार लोगों ने इंडिपेंडेंट टीवी कनेक्शन लिया जो कुछ ही दिन चलकर अचानक बंद हो गया। जिसमें गोरखपुराइट्स के 36 करोड़ रुपए फंस गए। वहीं प्रेजेंट टाइम में डिस्ट्रीब्यूटर एफआईआर कराने नोएडा पहुंचा हुआ है।

स्कीम के जाल में फंस गए कंज्यूमर्स

इंडिपेंडेंट टीवी स्कीम से फायदा होता देख कंज्यूमर्स इसके जाल में फंसते चले गए। इसमें कंज्यूमर को केवल दो हजार खर्च कर एक साल तक 500 चैनल देखने की फैसिलिटी मिल रही थी। कंज्यूमर्स ने भी हर महीने पैसा देने की टेंशन छोड़ने के लिए आराम से इंडिपेंडेंट टीवी नेटवर्क कनेक्शन ले लिया।

ऐसे होता था काम

कंज्यूमर्स के दो हजार जमा करने के बाद डीलर एक बॉक्स लगाते थे जिसके बदले 2100 रुपए कंज्यूमर्स से लेते थे। इसके बदले एक साल तक 500 चैनल कंज्यूमर्स निश्चिंत होकर देख सकते थे। इसी आराम की वजह से ज्यादातर लोग फंस गए।

मोहद्दीपुर में डिस्ट्रीब्यूटर का ऑफिस

इंडिपेंडेंट टीवी कंपनी की डीलरशिप गोरखपुर के आथर्व कम्यूनिकेशन के डायरेक्टर केएम गुप्ता ने नोएडा जाकर ली थी। इसके बाद अगस्त से मोहद्दीपुर स्थित ऑफिस से इसका डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया। इसके लिए उन्होंने मंडल में 14 डीलर रखे थे जिनके जरिए इसका प्रचार-प्रसार कर इंडिपेंडेंट टीवी को मार्केट में लॉन्च किया। डीलर्स के जरिए ही गोरखपुर जिले में पांच हजार तो मंडल में 18 हजार कनेक्शन बांटे। जिनमें जनवरी से ही कंप्लेन आनी शुरू हो गई। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूटर केएम गुप्ता कंपनी से बात करते तो कुछ दिन फिर नेटवर्क सही हो जाता था। फिर अचानक मई में गोरखपुर में लगे सारे कनेक्शन अचानक बंद हो गए।

व‌र्ल्ड कप ना देख पाने का मलाल

मई में नेटवर्क बंद होने के बाद कंज्यूमर्स परेशान हो गए। इसका सबसे बड़ा रीजन क्रिकेट व‌र्ल्ड कप भी था जो मई से शुरू हो रहा था। इसके बाद परेशानहाल कंज्यूमर्स बार-बार डीलरों के पास पहुंचने लगे। डीलर भी अपने डिस्ट्रीब्यूटर को फोन लगाकर इस प्रॉब्लम के बारे में क्योरी करने लगे। डिस्ट्रीब्यूटर ने कंपनी के मालिक और हेल्प लाइन नंबर पर फोन लगाया तो दोनों ही काम नहीं कर रहे थे।

देशभर में कंपनी ने किया घोटाला

एमके गुप्ता ने बताया कि इस कंपनी के शिकार केवल गोरखपुर के ही नहीं बल्कि इंडिया में सभी बड़े शहरों के लोगों के करीब पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा फंसे हुए हैं। जिसके कारण हर जगह के डिस्ट्रीब्यूटर नोएडा में डेरा जमाए हुए हैं।

बॉक्स

नोएडा में जमे डिस्ट्रीब्यूटर

फ्रॉड के शिकार डिस्ट्रीब्यूटर एमके गुप्ता ने बताया कि कंपनी से संपर्क ना हो पाने की वजह से वह खुद नोएडा इंडिपेंडेंट कंपनी के ऑफिस पहुंच गए हैं। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में भी केस दायर किया है। उनका कहना है कि गोरखपुर में आने से भी डर लग रहा है। जिन कंज्यूमर्स का पैसा इसमे फंसा है वो मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने ये भी बताया कि अभी भी उनके गोदाम में इंडिपेंडेंट कंपनी का करीब 50 लाख का सामान पड़ा हुआ है।

गोरखपुर जिले में कंज्यूमर्स - 5000

गोरखपुर मंडल में कंज्यूमर्स - 18000

इंडिपेंडेंट टीवी का चार्ज - 2000

कंज्यूमर्स का फंसा पैसा - 36 करोड़

कोट्स

सस्ता देख मैंने कनेक्शन लिया था। जब से लगवाया था तभी से हर दिन प्रॉब्लम आती थी। अब तो एकदम से सब कुछ बंद हो गया।

सुमित

एक साल तक की स्कीम सुनकर मैंने इंडिपेंडेंट टीवी का कनेक्शन लिया था जो बहुत ही घाटे का सौदा हो गया।

श्रीचंद

सपना दिखाकर तोड़ दिया। ऐसा ही कुछ इस कंपनी ने भी पब्लिक से किया है। हम लोग डिस्ट्रीब्यूटर के पास जा रहे हैं तो वो भी नहीं मिल रहे हैं।

मंथान सिंह