प्रयागराज ब्यूरो । शहर दक्षिणी और पश्चिमी के हजारों लोगों के लिए राहत भरी खबर है. अब वह काल्विन अस्पताल में निशुल्क सीटी स्कैन जांच करा सकेंगे. अभी तक इस अस्पताल में महंगी जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

शुक्रवार को मशीन का उदघाटन मेयर गणेश केसरवानी ने किया. उन्होंने सुविधा चालू होने पर खुशी भी जाहिर की. बता दे कि काल्विन में सीटी स्कैन मशीन लगाने की कवायद कई सालों से चल रही थी, जिसे अब जाकर पूरा किया जा सका.

तीन करोड़ की लागत से इंस्टाल

जानकारी के मुताबिक अस्पताल में लगाई गई सीटी स्कैन मशीन की लागत लगभग तीन करोड़ रुपए है. इसके जरिए सीना, पेट, हाथ, पैर, सिर और चेहरे का सीटी स्कैन किया जाएगा. इस मशीन की एक राउंड में इमेज के 32 सेक्शन दिखाई देंगे और ऐसे मे जांच की जो रिपोर्ट मिलेगी वह काफी स्पष्ट होगी. इससे मरीजों को काफी लाभ भी प्राप्त होगा. अस्पताल परिसर में शुक्रवार को मेयर गणेश केसरवानी, सिटी मजिस्ट्रेट, हॉस्पिटल अधीक्षक राजेश कुमार की मौजूदगी में मशीन का उदघाटन किया गया.

एक दिन में सौ जांच

बता दें कि सीटी स्कैन की एक जांच में तीन मिनट से 16 मिनट तक का समय लगता है. ऐसे में प्रतिदिन लगभग सौ मरीजों की जांच हो सकती है. शहर के प्राइवेट संस्थानों में यह जांच इस समय 3000 से लेकर 7000 तक में हो रही है. जबकि काल्विन में यह फ्री आफ कास्ट उपलब्ध कराई जा रही है. यहां पर मरीज के संबंधित हिस्से को स्कैन कर उसकी इमेज जांच एजेंसी को भेजी जाएगी. वहां से डॉक्टर रिपोर्ट बनाकर वापस अस्पताल में भेज देगा. फिर इसे मरीज को सौंप दिया जाएगा. इस प्र्िरकया में अधिक समय भी नही लगेगा.

डेढ़ हजार मरीज आते हैं रोजाना

अभी तक सीटी स्कैन मशीन एसआएन अस्पताल और बेली अस्पताल में ही लगाई गई थी. इसकी वजह से शहर के दक्षिणी और पश्चिमी एरिया के मरीजों को इस महंगी जांच के लिए प्राइवेट संस्थानों में जाना पड़ता था. लंबे समय से इस एरिया की जनता काल्विन में सीटी स्कैन लगाए जाने की मांग कर रही थी. 2022 अप्रैल में इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. जिसे हरी झंडी दे दी गई और शुक्रवार को इस मशीन का उदघाटन किया गया. सबसे अहम है कि इस अस्पताल में केवल एक रुपया के पर्चे पर यह जांच हो जाएगी.

शुक्रवार को मेयर गणेश केसरवानी ने मशीन क उदघाटन किया है. इससे मरीजों को बेहद लाभ होगा. उनकी जांच निशुल्क हो सकेगी. प्राइवेट संस्थानों में इसी जांच को कराने में मरीजों को हजारों रुपए देने पड़ते है.

डॉ. राजेश कुमार, अधीक्षक, काल्विन अस्पताल प्रयागराज