सरकार से किया मोलभाव

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने सरकार से मोलभाव किया था। प्रियंका ने 14 साल पहले वाजपेयी सरकार से घर के किराये को लेकर मोलभाव किया और उसे कम भी कराया। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के सबसे पॉश माने जाने वाले लुटियन जोंस में 53,421 रुपये रेंट वाला मकान सिर्फ 8,888 रुपये में दे दिया गया। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने लुटियन जोंस के 2765.18 स्क्वायर मीटर के एक मकान के लिए वाजपेयी सरकार से मोलभाव कर कम रेंट देने पर राजी कर लिया था। इस दौरान प्रियंका ने तर्क दिया था कि इतनी धनराशि का भुगतान उनकी हैसियत से ज्यादा है।

तीन और लोगों को भी दिये गए घर

बता दें कि वर्तमान में प्रियंका गांधी 35, लोधी एस्टेट के टाइप-VI सरकारी आवास में रह रही हैं और इसके लिए वे 31,300 रुपए अदा करती हैं। सरकार ने प्रियंका गांधी और तीन अन्य नागरिकों को सुरक्षा कारणों के चलते वीआईपी इलाके में घर प्रदान किए थे। इसमें प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल, ऑल इंडिया टेररिस्ट फ्रंट चीफ एमएस बिट्टा और पंजाब केसरी के एडिटर अश्विनी कुमार शामिल थे। गिल और बिट्टा, प्रियंका गांधी के बराबर ही धनराशि का भुगतान कर रहे हैं जबकि अश्विनी कुमार ने 2012 में घर खाली कर दिया था।

प्रियंका ने चिठ्ठी भेज कर किया था अनुरोध

7 मई 2002 को सरकार को भेजे अपने खत में प्रियंका गांधी ने लिखा था कि घर के बदले 53,421 रुपये की राशि बहुत ज्यादा है और ये राशि उनकी भुगतान क्षमता से बाहर है। प्रियंका वाड्रा ने सरकार को लिखा था कि यह घर स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (एसपीजी) के कहने पर लिया हुआ है और इसके बड़े हिस्सा का इस्तेमाल उनका परिवार नहीं बल्कि एसपीजी खुद कर रही है। उन्होंने सरकार को कहा था कि वह इस घर में अपनी मर्जी से नहीं बल्कि सुरक्षा कारणों के चलते रह रही हैं। प्रियंका ने सरकार से निवेदन किया कि वह 28,451 रुपए प्रति माह के पुराने रेट से किराया अदा कर सकती हैं, बढ़े हुए रेंट 53,421 पर नहीं।

आरटीआइ में किया गया था सवाल

नोएडा के देव आशीष भट्टाचार्य द्वारा दायर आरटीआइ के जवाब में मिले 8 जुलाई 2003 के कैबिनेट कमिटी के नोट से यह सब खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, यह माना गया कि चारों लोग प्राइवेट सिटीजंस हैं और सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें तय नियम के हिसाब से घर दिए गए हैं, वे लाइसेंस फीस का मार्केट रेट के हिसाब से रेंट नहीं दे सकते। इसलिए रेंट की समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद प्रियंका गांधी के लिए 24 जुलाई 2003 से स्पेशल लाइसेंस फी संशोधित कर 8888 कर दी और बाकी लोगों का रेंट भी कम कर दिया गया। गिल का रेंट 60,741 से घटाकर 10,715 बिट्टा का 55,536 से 10,203 और अश्विनी कुमार का 50,311 घटाकर 8,555 रुपए प्रति माह कर दिया गया। प्रियंका गांधी को घर 1997 में एसपीजी, केंद्रीय सचिवालय और गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दिया गया था।

डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट ने दिया स्पष्टीकरण

डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट के मुताबिक, 21 फरवरी 1997 को प्रियंका वाड्रा को 5 लोधी एस्टेट में 19,900 के मार्केट रेट पर एक घर आवंटित किया गया। इसका किराया समय-समय पर संशोधित किया गया। उनके मुताबिक अभी मार्केट रेट के हिसाब से इस घर का किराया 81,865 रुपया प्रति माह है। उन्होंने ये भी बताया कि वर्तमान में जोर बाग में प्रियंका वाड्रा के घर के दसवें हिस्से के बराबर घर का किराया 1.5 से 4 लाख रुपये प्रति माह है। उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल प्राइवेट सिटिजंस के लिए दिल्ली के दिल कहे जाने वाले इन इलाकों में इस आकार का कोई घर मौजूद नहीं है।

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