- आठ से ज्यादा कैंडीडेट्स को मिली पीसीएस में सफलता

- एक लक्ष्य निर्धारित कर नियमित अभ्यास से कैंडीडेंट्स ने पाई सफलता

LUCKNOW :

उत्तर प्रदेश पीसीएस-2017 का रिजल्ट गुरुवार शाम को जारी कर दिया गया। हर बार की तरह इस बार भी पीसीएस रिजल्ट में राजधानी के होनहारों ने अपना दबदबा बनाए रखा, जहां एक ओर विनय कुमार सिंह टॉप टेन में जगह बनाते हुए 10वीं रैंक हासिल करके एसडीएम पद अपने नाम कर लिया है। वहीं आशीष भास्कर मिश्रा 20वीं पायदान पर रहे। अजीत यादव और विकास यादव खंड विकास अधिकारी पद के लिए सफल हुए हैं। इनके साथ 6 से ज्यादा शहर के होनहार इस परीक्षा को पार करके प्रशासनिक सेवा में पहुंचे हैं।

सही गाइडेंस ही सबसे जरूरी

पीसीएस में यह मेरा दूसरा अटैम्पट था। मुझे 20वीं रैंक मिली है। मेरा सिलेक्शन ट्रेजरी ऑफिसर के पद पर हुआ है। पीसीएस में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपना फोकस हमेशा बनाए रखें। खासतौर पर तब जब आपको उम्मीदों के अनुसार सफलता न मिले। वहीं सफलता के लिए सबसे जरूरी सही गाइडेंस का मिलना है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने गाइड की बातों पर फोकस करें। मेरे पिता का नाम विजय शंकर मिश्रा है, वह अध्यापक पद से रिटायर्ड हुए हैं। मां का नाम विमला मिश्रा है वह गृहणी हैं।

- आशीष भास्कर मिश्रा, 20वीं रैंक

पीएससी से जुड़ी निगेटिवीटी को ना फालो करें

मुझे पीसीएस में दसवीं रैंक प्राप्त हुई है। यह मेरा दूसरा अटैम्पट था। मुझे पहले अटैम्पट में भी सफलता मिली। मौजूदा समय में मैं स्टेट जीएसटी में असिस्टेंट कमिशनर के पद पर कार्यरत हूं। पीसीएस परीक्षा में सफलता पाने के लिए कैंडीडेट्स को हमेशा पॉजिटिव अप्रोच को अपनाना चाहिए। कई बार देखने को मिलता है कि कैंडीडेट्स परीक्षा खराब होने पर इंस्टीट्यूशन पर आरोप लगाते हैं, लेकिन यह नहीं सोचते की उनकी तैयारी कितनी है। साथ ही अपने सोर्सेस को कम रखें और उसी पर फोकस बनाकर स्टडी करें। मेरे पिता नाम नरेंद्र सिंह किसानी करते हैं। मेरी मां का नाम शैल सिंह वह गृहणी हैं।

- विनय कुमार सिंह, 10वीं रैंक

सेल्फ स्टडी और अपने पर हमेशा रखे भरोसा

पीसीएस में इस बार मुझे दूसरी रैंक प्राप्त हुई है। यह मेरा चौथा मौका था पीसीएस परीक्षा में बैठने का। मैंने पहले ही अटैम्पट में पीसीएस पास कर लिया था। मौजूदा समय में कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत हूं। पहले अटैम्पट में पीसीएस पास करने के बाद भी मैं लगातार परीक्षा देती रही। इस बार मुझे बेहतर रैंक मिली है। पीएचसी में सफलता के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है। साथ ही अपने पर कांफिडेंस हमेशा रखें। परीक्षा में सफलता न मिलने पर भी लगातार मेहनत करें। मेरे पिता का नाम आशुतोष मिश्रा है वह बिजनेसमैन हैं। मेरी मां का नाम सरोज मिश्रा है।

- अंकिता मिश्रा, 2 रैंक

खुद पर हमेशा भरोसा रखें, सफलता मिलेगी

वर्ष 2009 में स्कूली शिक्षा और 2014 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद ही तैयारी शुरू कर दी थी। 2015 के पहले प्रयास में प्री में असफलता मिली। 2016 में मेन्स में असफल हो गया था, लेकिन यह असफलता हौसलों को नहीं तोड़ सकी। वर्ष 2017 में पूरी तैयारी के साथ एक और प्रयास किया। अगर आप सफल होना चाहते हैं तभी तैयारी शुरू करें। हौसला कभी न छोड़ें तो सफलता जरूर मिलेगी।

- अनिंद्य विक्रम सिंह, 42वीं रैंक