- मोबाइल कंपनियों से मांगी गई डिटेल

- बिना परमिशन बल्क मैसेज और कॉल्स करना पड़ सकता है महंगा

<- मोबाइल कंपनियों से मांगी गई डिटेल

- बिना परमिशन बल्क मैसेज और कॉल्स करना पड़ सकता है महंगा

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: यूजर्स के मोबाइल फोन पर बल्क मैसेज और कॉल करना प्रत्याशियों को महंगा पड़ सकता है। ऐसा करने के लिए उन्हें चुनाव आयोग से परमिशन लेनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर खुद चुनाव आयोग ने मोबाइल कंपनियों से डिटेल मांगी है। खुद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी इस मामले को लेकर सतर्क हो गया है और इसको लेकर निगरानी की जा रही है।

परेशान हैं यूजर्स

जबसे लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा है, मोबाइल यूजर्स परेशान हो गए हैं। गाहे-बगाहे उनके मोबाइल फोन पर प्रत्याशियों के मैसेज और कॉल्स दस्तक दे रहे हैं। इससे उनको डिस्टर्बेस का सामना करना पड़ रहा है। यह हालत किसी एक मोबाइल कंपनी के यूजर्स की नहीं है, बल्कि कई कंपनियों के यूजर्स इसका सामना कर रहे हैं। इनके जरिए प्रत्याशी अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं।

रोजाना देनी होगी अपडेट

चुनाव प्रचार के परपज से मोबाइल फोन पर बल्क मैसेज भेजना या कॉल करने वाले प्रत्याशियों की रूटीन डिटेल मोबाइल कंपनियों को चुनाव आयोग को देनी होगी। खुद आयोग ने पहल करते हुए कंपनियों से यह डाटा तलब किया है। आयोग की ओर से ऐसे प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर ली गई है और इनके बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। बाद में यह सुविधा लेने में लागू फीस प्रत्याशियों के चुनावी खर्चे में जोड़ दी जाएगी।

परमिशन तो केवल तीन ने ली है

वैसे इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट पर लड़ रहे कुल प्रत्याशियों में कुछ इस मामले को लेकर एलर्ट हैं। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने स्थानीय स्तर पर प्रशासन से दो लाख मोबाइल कॉल्स की परमिशन ली है। इसके अलावा दो अन्य प्रत्याशियों ने मोबाइल फोन मैसेज के बारे में जिक्र करते हुए परमिशन ली है। बावजूद इसके कई प्रत्याशी बिना परमिशन मैसेज और कॉल्स सर्विस का यूज कर रहे हैं। इन पर ऑफिसर्स नजर रख रहे हैं। शिकायत होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए इसका खर्च चुनावी खर्च में जोड़ दिया जाएगा। इस मामले में यूजर्स की शिकायत पर भी कार्रवाई हो सकती है।

-कुछ प्रत्याशियों ने मोबाइल फोन मैसेज और कॉल्स की परमिशन ली है। अगर कोई बिना अनुमति इस सर्विस का यूज कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। आयोग भी मोबाइल कंपनियों से अपडेट ले रहा है। इस मामले में यूजर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

डॉ। वरुण खरे, ट्रेजरी ऑफिसर