-नामिनेशन के लास्ट डे नामांकन जुलूस निकालकर कैंडीडेट्स ने दिखाई ताकत

-भीड़ भरी सड़कों पर एक के बाद एक जुलूसों से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

-सिटी के बड़े हिस्से में दोपहर भर लगा रहा जाम

-जाम में फंसे हजारों लोग और स्कूली बच्चे धूप में बेहाल

-सड़कों पर रही अराजकता, पुलिस बनी रही मूक दर्शक

KANPUR: बुधवार को नामिनेशन के आखिरी दिन कानपुर नगर के कई कैंडीडेट्स ने नामांकन जुलूस निकालकर अपनी ताकत का अनावश्यक प्रदर्शन किया। बिजी ट्रैफिक वाली रोड्स से जुलूस निकालकर ताकत दिखाना, पब्लिक के लिए आफत बन गया। लाखों लोग तेज धूप के बीच चौतरफा लगे जाम से जूझते रहे। बाइक, स्कूटी सवार जैसे-तैसे जाम से बचने के लिए गलियों की तरफ भागे, लेकिन फिर भी उन्हें जाम से छुटकारा नहीं मिला। कुल मिलाकर जाम के कारण किसी की ट्रेन छूटी तो कोई देरी से मार्केट पहुंचा। स्कूली रिक्शा, वैन भी जाम में फंसे रहे। पुलिस मूकदर्शक बने रहने के अलावा कुछ नहीं कर सकी। पब्लिक से हाथ जोड़कर वोट मांगने वाले नेताओं को जाम में फंसे लोगों की जरा भी परवाह नहीं की।

पब्लिक को आफत में क्यों डाला?

कानपुर नगर लोकसभा के नामांकन का आज आखिरी दिन था। नामांकन के आखिरी दिन सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल ने हालसी रोड, श्रीप्रकाश जायसवाल ने घंटाघर चौराहा और सलीम अहमद ने हलीम कालेज चौराहा से नामांकन जुलूस निकाला। जुलूस निकालने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल पहले ही 2 बार नामिनेशन सेट दाखिल कर चुके हैं। कुछ यही हाल सलीम अहमद का है। पहले नामिनेशन करा चुकने के बावजूद शायद अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए कैंडीडेट्स ने जुलूस निकाला।

वोटर्स की ही नहीं है परवाह.!

जुलूस भी बिजी ट्रैफिक वाली रोड्स से निकाला गया। जिसकी वजह हालसी रोड, मेस्टन रोड, बड़ा चौराहा, परेड चौराहा, घंटाघर चौराहा, एक्सप्रेस रोड, हरवंश मोहाल रोड, कोपरगंज, टाटमिल रोड, नयागंज, लाटूश रोड, नई सड़क, कचहरी रोड, इनकम टैक्स रोड, जनरलगंज का ट््रैफिक ध्वस्त हो गया। एक के बाद लंबे-चौड़े इन जुलूसों के कारण चौतरफा जाम लग गया। चुनाव आचार संहिता के कारण जुलूस में गाडि़यां तो कम रही लेकिन बड़ी संख्या में पैदल लोगों के कारण जुलूस भी रेंग रहा था। इसी वजह से चौतरफा जाम लग गया। जाम में हजारों लोग फंसे रहे, लेकिन हाथ जोड़कर उनसे वोट मांगने वाले नेताओं ने जाम में फंसे लोगों की परवाह नहीं की। मेस्टन रोड व हालसी रोड पर जाम में फंसे बाइक, स्कूटी सवार तो जैसे- तैसे मनीराम बगिया, हटिया, खासबाजार, कुलीबाजार, धनकुट्टी की गलियों में चकरघिन्नी बनकर नाचते रहे। कार, बस, टेम्पो, रिक्शा सवार तो जाम में फंसे रहने को मजबूर रहे। एक तरफ परेड-मूलगंज-हालसी रोड पर जाम के घेरे में थे तो दूसरी तरफ मेस्टन रोड। घंटाघर, एक्सप्रेस रोड व हरबंस मोहाल रोड जाम होने के कारण लोग टाइम से सेंट्रल स्टेशन नहीं पहुंच सके। लोगों की ट्रेन छूट गई। उनके पास नेताओं को कोसने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं था।

आखिर नामांकन जुलूस निकालते ही क्यों हैं।

नामांकन जुलूस हर शहर में निकलता है। ज्यादातर प्रत्याशी इसके जरिए शक्ति प्रदर्शन करते हैं। पर सवाल ये है कि नेता अपनी शक्ति दिखाते किसको हैं। जिस पब्लिक को वोट देना है उसे परेशान करने वाले शक्ति प्रदर्शन से आखिर क्या फायदा है।

आई कनेक्ट

- बिजी ट्रैफिक वाली रोड्स से नामांकन जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए था,एडमिनिस्ट्रेशन को भी ऐसी रोड्स से जुलूस की परमीशन नहीं देनी चाहिए। जाम में लोगों का घंटों फंसे रहना पड़ा। टाइम पर ऑफिस नहीं पहुंच पाए

- विकास वर्मा

- वैसे ही इन रोड्स पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जुलूसों की वजह से काफी समय बर्बाद हो गया और परेशानी अलग उठानी पड़ी।

-इरा श्रीवास्तव

-नामांकन बगैर किसी दिखावे के भी कराया जा सकता है। लेकिन लोगों की चिन्ता नहीं की गई।

-मोहित शुक्ला

-दोपहर में एक घंटे तक हालसी रोड व मेस्टन पर जाम में फंसे रहना पड़ा। ये तो अच्छा था कि स्कूटी से थे, जैसे-तैसे गलियों से होते हुए निकल पाए।

- देवेंद्र सिंह