बुझेगी प्यास

पब्लिक की प्यास बुझाने के लिए कैंट बोर्ड ने अपने ओएचटी(ओवर हेड टैंक) प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार कैंट के दो इलाकों में दो ओएचटी लगाने का प्लान है। एक भैंसाली ग्राउंड के पास और दूसरा हंडिया मोहल्ला में। दोनों ओएचटी 900-900 किलोलीटर बनाने की योजना है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो इन दोनों ही ओएचटी की लागत 3-4 करोड़ रुपए आएगी।

50 हजार की आबादी को फायदा

इन दोनों ओएचटी के लगने से चार वार्डों की पब्लिक को काफी फायदा होगा। भैंसाली ग्राउंड के पास लगने वाला ओवर हेड टैंक वार्ड-5 और 6 की बाउंड्री के पास पड़ता है। इससे दोनों वार्डों की करीब 30 हजार की आबादी को फायदा होगा। वहीं हंडिया मोहल्ले में लगने वाले ओएटी से वार्ड-2 और 3 की बीस हजार की आबादी को फायदा होने की उम्मीद है।

दो साल पहले

कैंट बोर्ड के वार्ड मेंबर जगमोहन शाकाल ने जनरल बोर्ड मीटिंग में ओएचटी का मोशन दिया था। मोशन में वार्ड मेंबर द्वारा साफ कहा गया था कि वार्ड-5 और 6 की पाइपलाइन अंग्रेजों के जमाने की है। जो काफी छोटी है। उस वक्त की आबादी और आज की आबादी में भी काफी फर्क भी आ चुका है। जिसके बाद गैरीसन इंजीनियर्स साउथ को दोनों ही इलाकों का सर्वे करने और रिपोर्ट देने को कहा था। रिपोर्ट भी दे दी गई थी। इसके बाद समय पर इस प्रोजेक्ट को कंसीडर नहीं किया गया।

रिपोर्ट में थे टेक्नीकल फॉल्ट

कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो जीई साउथ ने जो रिपोर्ट में काफी टेक्नीकल फॉल्ट थे, जिसे दूर करने काफी समय लग गया। जब कैंट बोर्ड के अधिकारियों के उन फॉल्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि सभी टेक्नीकल फॉल्ट को दूर कर दिया गया है। पब्लिक को जल्द ही ओवर हेड टैंक की व्यवस्था हो जाएगी।

आई हैं छह फर्म

ओवर हेड टैंक को बनाने के लिए छह फर्मों ने आवेदन किया है। कैंट बोर्ड को भरोसा है कि 10 तारीख को टेंडर खुलने के बाद कोई फर्म कनफर्म हो जाती है तो पब्लिक के लिए ये ओवर हेड टैंक को बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

'10 तारीख को टेंडर खुलेगा। उम्मीद है कि कंसट्रक्शन वर्क जल्द शुरू कराकर अगली गर्मियों तक लोगों के लिए पानी की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.'

- एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड

दो एसटीपी प्लांट भी हैं पाइप लाइन में

कैंट के इलाकों में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का भी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट की लागत 6 करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो इनका डिजाइन और ये कहां प्लेस होंगे इसके बारे में टेंडर के बाद जो कंपनी कनफर्म होगी वो हमें सर्वे करके बताएगी। इससे पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।