गैस एजेंसियों में सिर्फ एलपीजी कंज्यूमर्स के ही आधार कार्ड बनाए जाएंगे। कंज्यूमर्स के फैमिली मेम्बर्स इस योजना का फायदा नहीं उठा सकेंगे। गैस एजेंसियों की शिकायत के बाद सप्लाई विभाग ने यह दिशा-निर्देश जारी किये हैं. 
लाखों कंज्यूमर्स भटक रहे 
एक जनवरी से एलपीजी गैस सिलेंडर की सब्सिडी को कंज्यूमर के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किये जाने संबंधी योजना कानपुर में भी लागू हो रही है। ऐसे में सभी एजेंसियों ने कंज्यूमर्स के बैंक एकाउंट नंबर को एजेंसी से लिंक-अप करवाने को कहा है। खास बात यह कि बैंक एकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। तभी सब्सिडी का पैसा कस्टमर के एकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकेगा। लाखों कंज्यूमर्स ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड अब तक नहीं बन सका है. 
कंफ्यूजन की स्थिति 
जिन एलपीजी कंज्यूमर्स के पास आधार कार्ड नहीं है। सबसे ज्यादा परेशान वही हैं। क्योंकि एक जनवरी से पहले-पहले अगर उन्होंने आधार कार्ड से लिंक-अप बैंक एकाउंट नंबर एजेंसी में जमा नहीं किया तो उन्हें गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा। इसी कड़ी में मंडे को डिस्ट्रिक्ट सप्लाई विभाग और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री इस नतीजे पर पहुंचे कि आधार कार्ड को एलपीजी एजेंसी पर ही बनवाया जाए। मगर, यहां कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई। एलपीजी कंज्यूमर्स के साथ-साथ उनके फैमिली मेम्बर्स भी अपना-अपना कार्ड बनवाने के लिए एजेंसियों और अफसरों से पूछताछ कर रहे हैं. 
केवल एलपीजी कंज्यूमर्स के लिए 
लगातार क्वेरीज आने की वजह से गैस एजेंसियां भी परेशान हो चुकी हैं। सप्लाई विभाग में शिकायत पर एडीएम सिविल-सप्लाई आरएन बाजपेई ने क्लियर किया है कि एलपीजी एजेंसियों में बनने वाले आधार कार्ड सिर्फ और सिर्फ एलपीजी कंज्यूमर्स के हैं। जिनके नाम पर गैस कनेक्शन है, सिर्फ उन्हीं लोगों का आधार कार्ड एजेंसी में बनाया जाएगा। कंज्यूमर्स की वाइफ, बच्चों या भाई-बहन का आधार कार्ड बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे कंज्यूमर्स को एक स्लिप भी दी जाएगी, जिस पर ‘वेरीफाइड ऑन्ली फॉर एलपीजी कंज्यूमर्स’ लिखा रहेगा. 
गैस एजेंसियों में सिर्फ एलपीजी कंज्यूमर्स के ही आधार कार्ड बनाए जाएंगे। कंज्यूमर्स के फैमिली मेम्बर्स इस योजना का फायदा नहीं उठा सकेंगे। गैस एजेंसियों की शिकायत के बाद सप्लाई विभाग ने यह दिशा-निर्देश जारी किये हैं. 

लाखों कंज्यूमर्स भटक रहे 

एक जनवरी से एलपीजी गैस सिलेंडर की सब्सिडी को कंज्यूमर के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किये जाने संबंधी योजना कानपुर में भी लागू हो रही है। ऐसे में सभी एजेंसियों ने कंज्यूमर्स के बैंक एकाउंट नंबर को एजेंसी से लिंक-अप करवाने को कहा है। खास बात यह कि बैंक एकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। तभी सब्सिडी का पैसा कस्टमर के एकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकेगा। लाखों कंज्यूमर्स ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड अब तक नहीं बन सका है. 

कंफ्यूजन की स्थिति 

जिन एलपीजी कंज्यूमर्स के पास आधार कार्ड नहीं है। सबसे ज्यादा परेशान वही हैं। क्योंकि एक जनवरी से पहले-पहले अगर उन्होंने आधार कार्ड से लिंक-अप बैंक एकाउंट नंबर एजेंसी में जमा नहीं किया तो उन्हें गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा। इसी कड़ी में मंडे को डिस्ट्रिक्ट सप्लाई विभाग और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री इस नतीजे पर पहुंचे कि आधार कार्ड को एलपीजी एजेंसी पर ही बनवाया जाए। मगर, यहां कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई। एलपीजी कंज्यूमर्स के साथ-साथ उनके फैमिली मेम्बर्स भी अपना-अपना कार्ड बनवाने के लिए एजेंसियों और अफसरों से पूछताछ कर रहे हैं. 

केवल एलपीजी कंज्यूमर्स के लिए 

लगातार क्वेरीज आने की वजह से गैस एजेंसियां भी परेशान हो चुकी हैं। सप्लाई विभाग में शिकायत पर एडीएम सिविल-सप्लाई आरएन बाजपेई ने क्लियर किया है कि एलपीजी एजेंसियों में बनने वाले आधार कार्ड सिर्फ और सिर्फ एलपीजी कंज्यूमर्स के हैं। जिनके नाम पर गैस कनेक्शन है, सिर्फ उन्हीं लोगों का आधार कार्ड एजेंसी में बनाया जाएगा। कंज्यूमर्स की वाइफ, बच्चों या भाई-बहन का आधार कार्ड बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे कंज्यूमर्स को एक स्लिप भी दी जाएगी, जिस पर ‘वेरीफाइड ऑन्ली फॉर एलपीजी कंज्यूमर्स’ लिखा रहेगा.