RANCHI: रांची पुलिस की गिरफ्त में क्लोन चेक के जरिए करोड़ों की राशि उड़ानेवाला मास्टरमाइंड करोड़पति संतोष चौरसिया है। रांची पुलिस उसकी संपति का पता लगा रही है, जिसे जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बताया जाता है कि उसने साइबर अपराध की कमाई से टू-व्हीलर भी खरीदा है। गौरतलब हो कि कोतवाली पुलिस ने बैंक और टेलीकॉम कंपनियों के कर्मचारियों से मिलीभगत कर आम लोगों के खातों से मेहनत की कमाई को उड़ाने वाले छह साइबर अपराधियों को धर दबोचा था।

बैंक अधिकारियों की मिलीभगत

गिरफ्तार साइबर अपराधियों के मुताबिक, क्लोन चेक दिया जाता था और उसी से पैसे की निकासी करते थे। इस धंधे में बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत होती है। बैंक अधिकारियों की मदद से साइबर अपराधियों को पता चलता था कि किसके खाते में कितने पैसे हैं। इसके बाद पैसे उड़ाये जाते थे। पुलिस उन बैंक अधिकारियों को चिन्हित कर रही है, जो साइबर अपराधियों को मदद पहुंचाते थे।

कैसे चुराते हैं खाताधारक का डेटा

पुलिस की पूछताछ में साइबर अपराधियों ने बताया कि पैसे की निकासी से पहले खाताधारक की पर्सनल जानकारी, हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर जुटाते थे। इसके बाद खाताधारक के नंबर से मिलता-जुलता एक नंबर टेलिकॉम कंपनी से जारी करवाया जाता है। उसी नंबर को आरटीजीएस के लिए दिए गए चेक में अंकित किया जाता है। इसमें एसएमएस भेजकर रुपए ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। दूसरा तरीका यह भी है कि खाताधारक के अकाउंट से भी नंबर बदलवा देते हैं ताकि रुपए के ट्रांसफर के लिए फर्जी नंबर पर सत्यापन के लिए कॉल जाए।

क्या था मामला

चडरी लाइन टैंक रोड निवासी ठेकेदार चंद्रकांत कुमार के खाते से आरटीजीएस के जरिए 9.80 लाख ट्रांसफर के लिए अभिषेक पांडे के खाते का इस्तेमाल किया गया था। साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया ने ट्रांसफर के बाद निकासी के लिए कांके के बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच में अभिषेक को भेजा। बैंक से केवल पांच लाख रुपए ही निकाले गए। इसके बाद सारा पैसा अभिषेक से संतोष ने ले लिया। उसके केवल 50 हजार रुपए दिए गए। इस पूरे माजरे पर बैंक मैनेजर की नजर थी। बैंक मैनेजर दूसरे दिन अभिषेक के घर पहुंच गया। अभिषेक ने बैंक मैनेजर को पूरी बात बता दी थी कि उसे दस प्रतिशत कमिशन के लिए खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। मैनेजर को शक होने पर दूसरे दिन रुपए लेने पहुंचे संतोष चौरसिया और उसके गिरोह के लोगों को पुलिस की मदद से दबोच लिया गया था।