- मामूली लापरवाही पड़ सकती है भारी, जाते समय बरतें सावधानी

- वोटर आईडी कार्ड के अतिरिक्त अन्य पहचान पत्र का नहीं लेते संज्ञान

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GORAKHPUR: गोरखपुर से इंडो-नेपाल बॉर्डर पार कर नेपाल जाने वाले टूरिस्ट के लिए मामूली लापरवाही बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है। नेपाल में विजिट करने के दौरान बिना आईडी कार्ड के पाए जाने पर प्रॉब्लम झेलनी पड़ सकती है। एक तरफ जहां भारतीय नागरिकों के लिए आईडी कार्ड अनिवार्य है। वहीं आधार कार्ड की मान्यता को लेकर संशय बरकरार है। नेपाल में आधार कार्ड की जगह सिर्फ वोटर आईडी को अहमियत दी जा रही है। जांच एजेंसियों और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि होटल के कमरे से लेकर सिमकार्ड खरीदने तक में सिर्फ मतदाता कार्ड को मान्य किया जाता है। ऐसे में वोटर आईडी कार्ड साथ न होने पर भी संकट उठाना पड़ सकता है। इंडिया से रोजाना करीब 60 हजार लोग नेपाल में आवाजाही करते हैं।

सुरक्षा के लिहाज से नियमों में होता रहता बदलाव
नेपाल में सुरक्षा के लिहाज से समय-समय पर बदलाव किया जाता है। इसलिए नियम-कानून की जानकारी के अभाव में रोजाना इंडियंस को कागजी कार्रवाई में फंसना पड़ता है। कुछ लोगों को नेपाली प्रशासन की कठोर कार्रवाई भी झेलनी पड़ती है। इसलिए नेपाल घूमने जाने वालों के लिए कुछ सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। नेपाल के होटल, पार्क, धार्मिक स्थल सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भ्रमण करने के लिए आईडी कार्ड दिखाने, उसे फीड करने के बाद ही घूमने की अनुमति मिलती है। ऐसे में वैध और मान्य आईडी कार्ड न होने पर कोई भी समस्या खड़ी हो सकती है।

प्राइवेट व्हीकल से जाएं तो रखें इन बातों का ख्याल
भारत से किसी प्राइवेट व्हीकल से नेपाल में जाने के दौरान वाहन से संबंधित सभी प्रकार के दस्तावेज मौजूद होने चाहिए। ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पेपर सहित सभी कागजात होने पर सोनौली बॉर्डर के नेपाल भंसार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराकर परमिशन लेनी होगी। यदि भैरहवा तक जाना चाहते हैं तो वाहन की सुविधा करानी होगी। भैरहवा के आगे किसी शहर में जाने के लिए वाहन का भंसार कराना जरूरी होता है। जितने दिनों तक नेपाल में रहकर घूमना है उतने दिनों के लिए भंसार बनवाना पड़ेगा। समय सीमा खत्म होने पर वापस लौटने पर बॉर्डर पर फंस सकते हैं।

इन वस्तुओं संग कतई न जाएं नेपाल
नेपाल राष्ट्र की सीमा में किसी प्रकार का असलहा, कारतूस, कोई विस्फोटक और नशीला पदार्थ लेकर आवागमन करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इंडियन लाइसेंस होने के बावजूद कोई भी व्यक्ति असलहा लेकर नहीं जा सकता है। गवर्नमेंट के सुरक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी सख्ती से यह नियम लागू होते हैं। नेपाल में आवश्यकता से अधिक रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें ले जाना भी प्रतिबंधित है।

व्हीकल चलाते समय ये बरतें सावधानी
ट्रैफिक नियमों को लेकर नेपाल प्रशासन बेहद ही सख्त है। फोर व्हीलर में सीट बेल्ट और बाइक पर हेलमेट लगाकर निर्धारित रफ्तार में व्हीकल चलाना होगा। व्हीकल के साइड मिरर, हॉर्न, हेडलाइट और इंडिकेटर में गड़बड़ी भी भारी पड़ सकती है। हर चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल का विशेष ध्यान देने के अलावा पार्किग प्लेस, जेब्रा लाइन, स्पीड बोर्ड के नियम न मानने पर राष्ट्र के लिए चुनौती माना जाता है। ऐसे में किसी तरह की लापरवाही बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है।

इन जगहों पर ज्यादा जाते इंडियन टूरिस्ट

- भगवान बुद्ध के बर्थ प्लेस लुंबिनी

- जनकपुर, पोखरा स्थित फेवा ताल, गुफा

- बुटवल का सिद्ध बाबा मंदिर

- पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू

- मुक्तिनाथ, मनोकामना

गोरखपुर से वाहनों की होती आवाजाही

- ट्रक-कंटेनर अन्य बड़े वाहन 500-700

- पिकअप, अन्य छोटे माल वाहक 200-300

- टूरिस्ट बसें रोजाना 70- 80

- अन्य तरह की बसें 50 से 60

- छोटी टैक्सी सहित अन्य 250 से 400

- प्राइवेट व्हीकल 100 से 150

लुंबिनी में पहुंचे टूरिस्ट की तादाद

2018 192410 1170544 1532134

2017 155444 1251346 1552604

2016 134269 1015158 1284680 2015 130256 488852 748294

2014 154216 902621 1190145

नोट: आंकड़ा नेपाल टूरिज्म डिपार्टमेंट के पावर पे्रजेंटेशन के अनुसार

नेपाल में नियम-कानून काफी सख्त हैं। टूर के दौरान मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया था। मुझे अक्सर नेपाल जाना पड़ रहा था। इस दौरान कई बार भारी प्रॉब्लम उठानी पड़ी। आधार कार्ड पर मुझे नेपाली सिमकार्ड नहीं मिला। उसके लिए वोटर आईडी कार्ड देना पड़ा।
- मनोज कश्यप, फिल्म प्रोड्यूसर

बॉर्डर पर बिजनेस टूर के लिए अक्सर हम लोग नेपाल जाते रहते हैं। ऐसे में कई बार नियम-कानून का पालन ना करने पर प्राब्लम खड़ी जाती है। इसको देखते हुए वहां के मित्रों की मदद ली जाती है।
- मोहम्मद शाहिद, कारोबारी

नेपाल में नियम-कानून सख्ती से लागू किए जाते हैं। ऐसे में वहां के सभी प्रकार के मानक का ख्याल रखना पड़ता है। रिसा‌र्ट्स इत्यादि खुलने से भी आवाजाही बढ़ी है।
- संजय अग्रवाल, बिजनेसमैन

पूर्व में जब नेपाल में प्रॉब्लम थी तब लोग कम आते थे। तमाम लोगों की रिश्तेदारियां भी नेपाल में हैं। माहौल बदलने के बाद लोग घूमने-फिरने के लिए पहुंच रहे हैं। होटल में कमरा लेने, सिमकार्ड लेने सहित अन्य इस्तेमाल में वोटर आईडी कार्ड को ही प्राथमिकता दी जाती है।
- सोमेन अग्रवाल, बिजनेसमैन