RANCHI
अगर आप भी किसी मरीज का इलाज कराने रिम्स जा रहे हैं तो अपने साथ पीने का पानी साथ ले जाना न भूलें। वरना आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अगर आप पानी ले जाना भूल गए हैं तो गलती से भी रिम्स का पानी न पीएं।
डायरेक्टर डॉ एसके चौधरी से सीधी बात
सवाल : हॉस्पिटल में पानी की किल्लत है?
जवाब : हां, हॉस्पिटल में पानी की सप्लाई रूक्का से होती है। लेकिन अभी सप्लाई कम हो रही है, जिससे परेशानी हो रही है।
सवाल : हॉस्पिटल के नलों में जो पानी आ रहा है, उसका टीडीएस हाई है, जिसे पीने से बीमारी हो सकती है?
जवाब : इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। पीएचईडी विभाग वाले इसके बारे में ज्यादा बेहतर बताएंगे।
--बॉक्स--प्वाइंट टू बी नोटेड--
ये है रिम्स का पानी
-पानी का पीएच लेवल म्.7
-पानी का टीडीएस क्ब्8
-हेवी आर्सेनिक, लेड, आयरन और बैक्टिरिया से युक्त
ये हैं शुद्धता का पैमाना
-पानी का पीएच लेवल म्.भ्
-भ्0-क्00 होना चाहिए टीडीएस
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अलग बॉक्स-
रिम्स के पानी से क्या हो सकती है बीमारी
-जॉंन्डिस
-गैस्ट्रिक
-हेयरफॉल
-कोलाइटिस
-स्किन डिजीज
-इम्युनिटी सिस्टम पर असर
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पीने के पानी को लेकर यहां बहुत परेशानी है। अब तो यह जानने के बाद कि यहां के पानी में कई तरह की बीमारी है, पीने में भी डर लग रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
अलाउद्दीन
मजबूरी में पानी तो पीना ही पड़ेगा। हमलोग पानी खरीदने के लिए पैसे कहां से लाएंगे। इलाज के लिए तो पैसे ही नहीं है। अब जो होना होगा देखा जाएगा। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी स्थिति है, पता नहीं सरकार क्या कर रही है.
हासिम
डायरेक्टर ने स्टाफ और डायटीशियन को लगाई फटकार
डायरेक्टर डॉ एसके चौधरी ने शनिवार को रिम्स के किचन का इंस्पेक्शन किया। शनिवार को जैसे ही वह किचन में पहुंचे वहां अफरा-तफरी मच गई। किचन में काम करनेवाले स्टाफ के पसीने छूटने लगे। इस दौरान उन्हें किचन में सड़े आलू मिले, जिसका इस्तेमाल मरीजों के लिए पकाए जानेवाले खाने में किया जाना था। ऐसे में उन्होंने वहा मौजूद स्टाफ्स के साथ ही डायटीशियन को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि मरीजों को दिए जाने वाला खाना साफ-सुथरा होना चाहिए। इसके लिए अच्छी सब्जियों का उपयोग करने का निर्देश दिया।