रुड़की रोड की इंद्रप्रस्थ एस्टेट रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों पर आरोप

कोर्ट के आदेश पर दौराला थाने में हुआ मुकदमा, आरोपी ने किया घोटाले से इनकार

Meerut : रुड़की रोड स्थित इंद्रप्रस्थ एस्टेट कालोनी में फर्जी सदस्य बनाकर उन्हें पार्क की जमीन आवंटित कर देने के करोड़ों के घोटाले में आवासीय कल्याण समिति के अध्यक्ष समेत तीन पदाधिकारियों के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर थाना दौराला में मुकदमा दर्ज किया गया है। समिति के उपसचिव की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है।

30 करोड़ का जमीन घोटाला

गुरुवार को पीपीपी कांफ्रेंस हाल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इंद्रप्रस्थ एस्टेट वेलफेयर सोसायटी के उपसचिव बिजेंद्र चौहान व उनके अधिवक्ता रूपचंद शर्मा ने बताया कि कालोनी में 25 से 30 करोड़ रुपये की जमीन का यह घोटाला किया गया है। जिसका खुलासा समिति के सचिव आरपीएस चौधरी ने अपर आयुक्त उप्र आवास एवं विकास परिषद को लिखे पत्र में किया था। इस पत्र के मुताबिक अध्यक्ष एसपी देशवाल ने फर्जी सदस्यता दर्शाते हुए 50 भूखंड अपने रिश्तेदार और निकट संबंधियों को दे दिए। सहकारी अधिकारी आवास मेरठ सीपी पांडेय ने भी 31 जनवरी 2012 को अपर आवास आयुक्त को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़े की बात स्वीकार की थी। इनके आधार पर अपर आवास आयुक्त ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में धांधली को सही पाते हुए कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

कोर्ट के आदेश पर हुआ मुकदमा

अधिवक्ता ने बताया कि कार्रवाई न होने पर बिजेंद्र चौहान ने एसीजेएम द्वितीय की कोर्ट में अपील करके कार्रवाई की मांग की थी। कोर्ट के आदेश पर थाना दौराला पुलिस ने समिति के अध्यक्ष एसपी देशवाल, आरपीएस चौधरी तथा राजमोहन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं अध्यक्ष एसपी देशवाल का कहना है कि उनपर लगाए गए आरोप झूठे हैं। शिकायत करने वाले व्यक्ति ने खुद घोटाला किया है।