- हाईकोर्ट ने शाम को किया ऑर्डर, मेरठ, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के मामले होंगे शिफ्ट

- मेरठ में 5000 से ज्यादा मुकदमे पड़े हुए पेंडिंग

- मुरादाबाद में चल रही है हड़ताल, कैसे होगी सुनवाई?

Meerut : वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच को लेकर चल हड़ताल को देखते हुए हाईकोर्ट ने वेस्ट के तीन महत्वपूर्ण जिलों की अदालत में चल रहे मामलों को मुरादाबाद कोर्ट में शिफ्ट करने का ऑर्डर कर दिया है। इस ऑर्डर के बाद वकीलों की ओर से कई तरह के सवाल खड़े हो गए है कि मुरादाबाद वेस्ट यूपी का हिस्सा होने से हड़ताल वहां भी रहेगी तो ऐसे में ज्यूरीडिक्शन चेंज करने का कोई फायदा नहीं होने वाला है। वहीं कई युवा वकीलों ने आंदोलन को ओर भी ज्यादा उग्र करने के संकेत दे दिए हैं।

ये हैं वो जिले

प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के जजों की हुई मीटिंग में निर्णय हुआ है कि वेस्ट यूपी के मेरठ, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के कोर्ट में हड़ताल होने से पेंडिंग मामलों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में इन तीनों का ज्यूरीडिक्शन मुरादाबाद कर दिया जाए। आपको बता दें पिछले करीब दो महीनों से वेस्ट यूपी में वेस्ट यूपी की बेंच को लेकर वकील लगातार हड़ताल पर रहे हैं। फ् जनवरी को हुई मीटिंग में निर्णय हुआ था कि हफ्ते में दो दिन कचहरी को खुली रहेगी। चार दिन दिन बंद रहेगी। आगे की रणनीति तय करने के लिए क्7 तारीख को बागपत में मीटिंग तय रखी गई है।

पहले थी अफवाह

वहीं शाम होते-होते वकीलों में मामले शिफ्ट होने की बात अफवाह के तौर पर फैली थी जो रात में कंफर्म हो सकी.वकीलों की मानें तो उन्होंने इस बारे में जानकारी मेरठ के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज से भी बात की थी, लेकिन उन्होंने इस बात को कंफर्म नहीं किया था। रात में कंफर्मेशन आने के बाद ये बात पूरे वेस्ट यूपी के आग की तरह फैल गई। इस फैसले के आने के बाद अब क्7 तारीख को बागपत में होने वाली मीटिंग पहले भी हो सकती है। कोई नया स्टैंड भी लिया जा सकता है। कुछ वकीलों का कहना है कि दो दिनों की हड़ताल में छूट को वापस लेने और डेली कचहरी में तालाबंदी की घोषणा जल्द हो सकती है। वहीं संघर्ष समिति पदाधिकारियों का कहना है कि ऑर्डर की कॉपी हाथों में आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उससे पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

कैसे चलेगी वहां भी सुनवाई?

अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि तीनों जिलों के मामलों को मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शिफ्ट कर दिए जाएंगे। लेकिन वहीं वकीलों ने इस पर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। जब मुरादाबाद वेस्ट यूपी का हिस्सा है, वहां के वकील वेस्ट की लड़ाई में संघर्ष समिति के साथ हैं और लगातार हड़ताल और तालाबंदी चल रही है कि वो वहां पर भी सुनवाई कैसे संभव हो पाएगी? संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मानें तो इस मुद्दे पर मुरादाबाद बार के पदाधिकारियों से बात की जाएगी। वैसे ज्यूरीडिक्शन चेंज करने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पहले भी इस तरह से ज्यूरीडिक्शन चेंज किए गए हैं। जब तालाबंदी रहेगी तो जज कोर्ट में कैसे सुनवाई कर पाएंगे।

पब्लिक हो जाएगी परेशान

वहीं वकीलों की मानें तो मुरादाबाद में सुनवाई होती भी है तो यहां के सभी मामलों की फाइलों और उससे जुड़े मुजरिमों को मुरादाबाद लेकर जाया जाएगा। ऐसे में सुनवाई के मुजरिमों के परिजन भी पहुंचेंगे। ऐसे में यहां की पब्लिक काफी परेशान होगी। ऐसा भी नहीं है कि एक ही सुनवाई में कोर्ट अपना कोई फैसला सुना देगी। डेट पर जाने और ले जाने में सरकारी रुपया तो खर्च होगा ही साथ ही पब्लिक के जेब पर भी काफी असर पड़ेगा। वकीलों का कहना है हाईकोर्ट के लिए तो लोगों को इलाहाबाद जाना पड़ता है। अब लोकल सुनवाई के मुरादाबाद जाना पड़ेगा।

और उग्र होगा आंदोलन

वहीं कुछ युवा वकीलों ने इस ऑर्डर के आने के बाद आंदोलन को और उग्र होने का संदेश दे दिया है। युवा वकीलों की माने तो इस आदेश के आने के बाद वकीलों के इस आंदोलन को और भी ज्यादा बल मिल गया है। ऐसा करके ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि वेस्ट में हाईकोर्ट बेंच सिर्फ सपना ही है। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे वेस्ट यूपी के बंद की घोषणा की जा सकती है।

वर्जन

ये बात मुझे रात को ही कंफर्म हुई है। वैसे जब तक लिखित में हमारे पास कोई लेटर नहीं आ जाता है तब तक कुछ भी कहना काफी मुश्किल है। हम मुरादाबाद के वकीलों से बात करेंगे।

- डीडी शर्मा, चेयरमेन, हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति

इस फैसले से पब्लिक को ही काफी परेशानी होगी। वैसे मुरादाबाद में भी हड़ताल चल रही है। वहां के वकील कोई सुनवाई नहीं होने देंगे। हम संघर्ष समिति से जल्द ही मीटिंग करने की बात कहेंगे।

- रामकुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, जिला बार एसोसिएशन