- दलित उत्पीड़न में 60 दिन में दाखिल नहीं की थी चार्जशीट

-अदालत ने प्रमुख सचिव, डीजीपी व डीआइजी को भेजा पत्र

बरेली : दलित उत्पीड़न के मामले में 60 दिन के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल नहीं करना विवेचक के लिए महंगा साबित हुआ। अदालत ने मुकदमे की विवेचना कर रहे सीओ बहेड़ी अशोक कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

गांव सेमीखेड़ा निवासी भगवतसरन जाटव को पिछले वर्ष 15 जुलाई को गांव के ही राजेश गिरी व राजीव गिरी ने मारा पीटा और जातिसूचक सूचक गालियां दी थी। मारपीट से भगवतसरन की कंधे की हड्डी भी टूट गई थी। पीडि़त ने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की तो देवरनियां थाने में मुकदमा लिखा गया। सीओ बहेड़ी अशोक कुमार सिंह ने विवेचना में पूरा साल लगा दिया। मंगलवार को सीओ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने पहुंचे। स्पेशल जज ने देरी का कारण पूछा। जिस पर वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। स्पेशल जज शकील अहमद खां ने आदेश में उल्लेख किया कि स्पेशल एक्ट में 60 दिन में चार्जशीट दाखिल करने का प्रावधान है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो यह अपराध माना जाएगा। जिसकी सजा एक साल निर्धारित है। कोर्ट ने एसएसपी को लापरवाह सीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस ऑफिस को आगामी 16 जुलाई तक दस्तावेज कोर्ट में प्रेषित करना होगा। ताकि पत्रावली में आगे की कार्रवाई की जा सके। स्पेशल जज ने पुलिस विभाग की लापरवाही से प्रमुख सचिव, डीजीपी व आइजी को पत्र भेजकर अवगत कराया है।