वायनाड (एएनआई)। वायनाड में कई बिल्लियों के मरने की खबर मिलते ही जिले के मेंथावाडी और मेप्पाडी क्षेत्र में दहशत फैल गई। लोगों के एक समूह ने अधिकारियों से संपर्क किया जिसके बाद पशुपालन विभाग ने शवों के नमूनों का परीक्षण किया और पाया कि बिल्ली की मौतें फेलिन परवो वायरस के कारण हुईं, जो मनुष्यों में नहीं फैलता है। वायनाड के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ डी रामचंद्रन ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि फेलिन परवो वायरस बिल्लियों में फैलता है मगर उन्हें बचाने के लिए इसके टीके उपलब्ध हैं।

यह वायरस मनुष्यों में नहीं फैलता

डॉ रामचंद्रन आगे कहते हैं, 'वायनाड जिले के मेंथावाडी और मेप्पाडी क्षेत्र में बिल्ली की मौत की घटनाएँ हुईं, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत पैदा हो गई। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने महामारी विज्ञान संबंधी जांच के लिए स्थानों का दौरा किया। नमूनों को एकत्र किया गया और राज्य पशु रोग संस्थान भेजा गया। उन्होंने पुष्टि की कि मौतें फेलिन परवो वायरस के कारण हुई हैं। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस मनुष्यों में नहीं फैलता है।'

13 से अधिक बिल्लियां मरीं

मेप्पडी में एक बिल्ली के मालिक ने कहा कि दो-तीन दिनों के भीतर इस क्षेत्र में 13 से अधिक बिल्लियों की मौत हुई है। उसने कहा, 'स्थानीय लोग कोरोना वायरस प्रकोप के बीच बिल्ली की मौत से डरे हुए हैं। हमने स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग को सूचित किया है। अधिकारियों ने यहां आकर नमूने एकत्र किए।'

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