- रेलवे मेडिकल हास्टिपल के तीन डाक्टरों के खंगाले घर

- तीन सप्लायरों के कार्यालय और आवास पर पहुंची सीबीआई

- कैंसर की दवा खरीदे बिना फर्जी बिल बनाकर लेते रहे भुगतान

LUCKNOW: रेलवे अस्पताल में कैंसर के मरीजों के इलाज के नाम पर फर्जी बिल बनाकर करीब तीन करोड़ रुपये की हेराफेरी करने वाले तीन डाक्टरों व सप्लायरों के 15 ठिकानों पर सीबीआई ने मंगलवार को छापेमारी की। राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन सेल ने चारबाग स्थित रेलवे हॉस्पिटल, डॉक्टरों के आवास, आलमबाग और राजाजीपुरम स्थित दवा सप्लायरों की फर्मो, रायबरेली स्थित ठिकानों आदि को खंगाला। दो डाक्टरों के रायबरेली स्थित रेल कोच फैक्ट्री में तैनात होने की वजह से सीबीआई ने वहां भी छापेमारी की है। सीबीआई की टीमें देर शाम तक राजधानी में 13 व रायबरेली में दो जगहों पर छापेमारी में जुटी थी जिसमें एक महिला डॉक्टर के आवास से एक करोड़ साठ लाख रुपये से ज्यादा नगदी बरामद की जा चुकी थी।

पूर्व सीएमओ भी शामिल

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक रेलवे डिवीजन हॉस्पिटल में हुए इस घोटाले में पूर्व चीफ मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ। यू। बंसल, डॉ। सुनीता गुप्ता और डॉ। राकेश गुप्ता की संलिप्तता के प्रमाण मिले थे। डॉ। यू। बंसल फिलहाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि डॉ। सुनीता और डॉ। राकेश गुप्ता रायबरेली स्थित रेल कोच फैक्ट्री में तैनात हैं। सीबीआई ने यह मामला विगत जनवरी में दर्ज किया था। दवाओं की खरीद में घोटाले की विजिलेंस जांच के बाद यह मामला सीबीआई के सिपुर्द किया गया था। सीबीआई जांच में सामने आया कि तीनों डॉक्टरों ने सप्लायरों के साथ मिलकर कैंसर की करोड़ों रुपये की दवाओं के फर्जी बिल तैयार किए और सारी रकम आपस में हड़प ली। पुख्ता सुबूत मिलने के बाद सीबीआई ने मंगलवार को रेलवे हास्पिटल, डॉ। सुनीता गुप्ता और डॉ। राकेश गुप्ता के चारबाग स्थित सरकारी आवास, दवा सप्लाई करने वाली फर्मो मालवीय फार्मा, आयुष मेडिकल, जेके मेडिकोज के राजाजीपुरम व आलमबाग स्थित 11 ठिकानों के अलावा रायबरेली स्थित रेल कोच फैक्ट्री के हॉस्पिटल तथा दोनों डॉक्टरों के रायबरेली स्थित आवास पर एक साथ छापा मारा। छापे के दौरान डॉ। सुनीता के आवास से एक करोड़ साठ लाख रुपये से ज्यादा नगदी मिली जिसकी गिनती जारी थी। इसके अलावा बैंक से जुड़े दस्तावेज, संपत्तियों के कागजात, बैंक लॉकरों आदि का भी पता चला है जिसकी पड़ताल जारी है। वहीं डॉ। राकेश गुप्ता के ठिकानों को खंगालने की कवायद चल रही थी। मालूम हो कि डॉ। सुनीता गुप्ता के पति डॉ। राजीव गुप्ता राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रेडियोथेरेपी विभाग में प्रोफेसर हैं। छापे के दौरान डॉ। सुनीता रायबरेली में थी। सीबीआई ने उनके पति की मौजूदगी में पूरे घर को खंगाला।

कीमोथेरेपी के नाम पर खेल

सीबीआई की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2012 से 2014 के बीच रेलवे हॉस्पिटल में तैनाती के दौरान तीनों डॉक्टर कैंसर के मरीजों की कीमोथेरेपी के दौरान इस्तेमाल होने वाले महंगे इंजेक्शन सप्लायरों से मंगवाते थे। इसके लिए डॉ। यू बंसल ने अपने वित्तीय अधिकारों का खूब इस्तेमाल किया। इन इंजेक्शनों की कीमत 15 से बीस हजार रूपये तक होती थी। तीनों ही कैंसर के इलाज के लिए सक्षम न होने के बावजूद यह गोरखधंधा अंजाम दे रहे थे। वहीं सप्लायरों ने भी इसके लिए कई फर्जी फर्मे तक बनाई थी। घोटाले के लिए तीनों डॉक्टरों ने दस्तावेजों में हेरफेर कर तमाम रेल कर्मचारियों को कैंसर का फर्जी मरीज तक बना डाला। साथ ही तीन हफ्ते में होने वाली कीमोथेरेपी को रोजाना किया जाना दर्शा रहे थे। सीबीआई ने जब इसकी पड़ताल की तो घोटाले की पर्ते खुलती चली गयी। पता चला कि इसके जरिए वे 2.94 करोड़ से ज्यादा का घोटाला अंजाम दे चुके थे। दवाएं सप्लाई करने वाली फर्मो के पते तक फर्जी मिले जिसके बाद सीबीआई ने मामले की तह तक जाते हुए तीन मुख्य सप्लायरों को खोज निकाला।

जला दिए तमाज दस्तावेज

जांच में भी यह भी सामने आया है कि घोटाले से जुड़े तमाम दस्तावेज तीनों डाक्टरों ने जला दिए थे। इसे लेकर राजधानी की आलमबाग कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था जिसके बाद रेलवे की आंतरिक विजिलेंस जांच भी शुरू की गयी थी। इसके बाद ही डॉ। सुनीता और डॉ। राकेश गुप्ता का तबादला रायबरेली कर दिया गया। वहीं मामला सीबीआई के हाथ में आने के बाद विगत जनवरी माह में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने केस दर्ज कर पड़ताल शुरू की। अब सीबीआई जलाए जा चुके दस्तावेजों के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है। इसके लिए अस्पताल के कर्मचारियों और सप्लायरों को निशाने पर लिया जा चुका है। सीबीआई के मुताबिक छापेमारी की कार्रवाई देर रात तक जारी रहेगी। सीबीआई जल्द ही पूर्व सीएमओ तथा दोनों डॉक्टरों को पूछताछ के लिए तलब करेगी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

'रोने लगे डॉक्टर साहब'

चारबाग स्थित रेलवे के सरकारी क्वार्टर में डॉ। सुनीता गुप्ता को भी मकान एलॉट है। सीबीआई ने जब उनके घर पर छापा मारा तो वहां उनके पति डॉ। राजीव गुप्ता मौजूद मिले। सीबीआई अफसरों ने जब उनके घर की तलाशी ली तो घर के हर कोने से नोटों की गड्डियां मिलने से वह भी हैरत में पड़ गयी। शाम छह बजे तक बरामद नगदी एक करोड़ साठ लाख से ऊपर पहुंच चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक पूरी कमाई सीबीआई के हाथों जाते देख डॉ। राजीव गुप्ता फूट-फूटकर रोने लगे। बोले कि हम दोनों प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते हैं जिससे यह रकम जमा की है। सीबीआई अफसरों ने उनकी एक बात नहीं सुनी और तलाशी अभियान जारी रखा। सीबीआई दोनों के बैंक लॉकरों को भी बुधवार को सील कराने की कवायद करेगी जिसके बाद उसे कोर्ट की अनुमति से खोला जाएगा।