- देर रात केस दर्ज करने के बाद रायबरेली में घटनास्थल का किया दौरा

- पांच सदस्यीय टीम ने जुटाए सुराग, फॉरेंसिक एक्सपर्ट साथ में ले गये

- माखी कांड के सारे आरोपित और विधायक के करीबी संदेह के दायरे में

LUCKNOW : माखी कांड की गैंगरेप पीडि़ता, उसके रिश्तेदारों व वकील के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच का मामला सीबीआई ने दर्ज कर लिया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा मंगलवार को इस मामले की सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने पीडि़ता के चाचा द्वारा पुलिस में दर्ज कराए गये मुकदमे के आधार पर केस दर्ज किया है। वहीं बुधवार सुबह सीबीआई की टीम ने रायबरेली जाकर घटनास्थल का मुआयना किया और कई अहम सुबूत जमा किए। वह जल्द ही फॉरेंसिक टीम के साथ दोबारा घटनास्थल का मुआयना करेगी। साथ ही क्राइम सीन का रिक्रिएशन करके हादसे की असली वजह का पता लगाएगी।

एसपी के नेतृत्व में पहुंची टीम

माखी कांड में अब तक दर्ज किए गये चार मुकदमों की जांच सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच कर रही है लिहाजा सीबीआई मुख्यालय ने पांचवें केस को दर्ज कर जांच का जिम्मा भी इसी ब्रांच को सौंपा है। मामला सत्तारूढ़ दल के विधायक से जुड़ा होने और विपक्ष द्वारा इसे तूल दिए जाने की वजह से आनन-फानन में सीबीआई ने इसकी जांच टेकओवर करने की मंजूरी दी जिसके बाद देर रात केस को दर्ज कर लिया गया। बुधवार सुबह एंटी करप्शन ब्रांच के एसपी राघवेंद्र वत्स के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने रायबरेली जाकर घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया। सीबीआई जल्द ही फॉरेंसिक टीम के साथ दोबारा घटनास्थल का मुआयना करेगी। साथ ही क्राइम सीन का रिक्रिएशन करके हादसे की असली वजह का पता लगाएगी। इसके लिए नई दिल्ली स्थित सीबीआई की फॉरेंसिक लैब के एक्सपर्ट बुलाने की तैयारी है।

फतेहपुर भी जाएगी सीबीआई

इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए सीबीआई की टीम जल्द ही फतेहपुर का रुख भी कर सकती है। दरअसल जिस ट्रक से पीडि़ता की कार का एक्सीडेंट हुआ था वह फतेहपुर के सपा नेता के भाई का है। वहीं आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भी फतेहपुर के रहने वाले हैं। यही वजह है कि अब सीबीआई की जांच का दायरा फतेहपुर तक बढ़ चुका है। इसके अलावा सीबीआई सीतापुर जेल में बंद विधायक से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। सीबीआई की जांच के दायरे में माखी कांड के सारे आरोपित और विधायक के करीबी भी आएंगे जिनके बारे में सीबीआई ने बीते दो दिन से तमाम जानकारियां एकत्र की है। सीबीआई इन सभी की कॉल डिटेल भी निकालने की तैयारी में है ताकि कथित साजिश के बारे में पता लगाया जा सके।

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मंत्री का दामाद भी आरोपी

सीबीआई ने पीडि़ता के चाचा द्वारा दी गयी तहरीर के अनुसार विधायक, उसके भाई समेत दस लोगों को नामजद व 15-20 अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की है। खास बात यह है कि इनमें से एक विधायक का करीबी उन्नाव के नवाबगंज का ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह भी है जिसे योगी सरकार में कृषि राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह का दामाद बताया जा रहा है। धुन्नी फतेहपुर के हुसैनगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं जिसकी वजह से सीबीआई अब इस मामले का फतेहपुर कनेक्शन खंगालने की तैयारी में है। वहीं नामजद किया गया हरिपाल सिंह माखी गैंगरेप कांड में जेल में बंद शशि सिंह का पति है जबकि रिंकू सिंह बेटा है। इसके अलावा विधायक के वकील अवधेश सिंह को भी नामजद किया गया है।

गाडि़यों के पा‌र्ट्स लाई सीबीआई

रायबरेली स्थित घटनास्थल पर पहुंची सीबीआई टीम ने चार घंटे तक तहकीकात के दौरान स्थानीय पुलिसकर्मियों से सवाल-जवाब किए। सीबीआई द्वारा यह पूछे जाने पर कि जब दिन के वक्त घटनास्थल वाली सड़क पर ट्रकों के लिए नो एंट्री थी तो दुर्घटना अंजाम देने वाला ट्रक कैसे वहां आ गया। इस पर पुलिसकर्मियों के चेहरे उतर गये। टीम ने दुर्घटनाग्रस्त ट्रक और कार से कुछ पा‌र्ट्स अपने कब्जे में लिए हैं। टीम के साथ आए फोरेंसिक एक्सपर्ट ने फोटो लिए और नक्शा नजरी बनाया। टीम ने पुलिस लाइंस जाकर ट्रक मालिक फतेहपुर निवासी देवेंद्र कुमार, ट्रक ड्राइवर आशीष पाल और क्लीनर मोहन और एक्सीडेंट की सूचना मिलने पर मौके पर सबसे पहले पहुंची पीआरवी के दो कांस्टेबिल व एक एसआई से भी पूछताछ की।

इनके खिलाफ एफआईआर

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरीपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, एडवोकेट अवधेश सिंह व 15-20 अज्ञात।

इन धाराओं में एफआईआर

120-बी, 302, 307, 506