नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से आबकारी नीति घोटाले में पूछताछ करेगा। मनीष सिसोदिया अपने मुख्यालय में जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि सम्मन कुछ और नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया को गुजरात से आने से रोकने के लिए एक रणनीति है। सिसोदिया के घर से कुछ नहीं मिला। उनके लॉकर से भी कुछ नहीं मिला। यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। मनीष सिसोदिया को पार्टी के प्रचार के लिए गुजरात जाना है। वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं ताकि वह गुजरात न जा सके लेकिन हमारा अभियान नहीं रुकेगा, सभी गुजराती हमारे साथ हैं।

टेंडर लाइसेंस पर भी छूट क्यों दी गई

मनीष सिसोदिया ने रविवार को ट्वीट किया था उन्होंने मेरे घर पर 14 घंटे छापेमारी की, उन्हें कुछ नहीं मिला। उन्होंने मेरे लॉकर की तलाशी ली, वहां भी कुछ नहीं मिला। वे मेरे गांव गए लेकिन खाली हाथ लौट आए। अब उन्होंने मुझे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। मैं अपना बयान दर्ज कराने सीबीआई मुख्यालय जाऊंगा। मैं सहयोग करूंगा। सीबीआई उनसे उत्पाद नीति में किए गए बदलावों के बारे में सवाल पूछ सकती है। सीबीआई पूछ सकती है कि उन्होंने 144.36 करोड़ रुपये क्यों माफ किए। टेंडर लाइसेंस पर भी छूट क्यों दी गई।

सिसोदिया के घर के बाहर धारा 144 लागू

वहीं दिल्ली पुलिस ने मनीष सिसोदिया के घर के बाहर धारा 144 लागू कर दी। आप कार्यकर्ताओं के विरोध के मामले में अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए सोमवार को भी कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बनाया है। सीबीआई की प्राथमिकी आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों का जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है। मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई।

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