- सीबीआई ने सड़क हादसे की जांच को बनाई बीस सदस्यीय टीम

- सीबीआई के एएसपी से लेकर एसआई तक किए गये जांच में शामिल

- सीबीआई की छह सदस्यीय फॉरेसिंक टीम जांच को पहुंची रायबरेली

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LUCKNOW: माखी कांड के पीडि़ता के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश की आशंका को देखते हुए सीबीआई जल्द ही आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जेल में पूछताछ करेगी। इसके लिए सीबीआई ने शुक्रवार को राजधानी स्थित सीबीआई की विशेष अदालत से अनुमति मांगी थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। अब शनिवार को अदालत द्वारा दोबारा सुनवाई के दौरान सीबीआई फिर यह अनुरोध कर सकती है। अदालत ने रायबरेली जेल में बंद पीडि़ता के चाचा का बयान दर्ज करने की अनुमति सीबीआई को दी है। साथ ही सीबीआई द्वारा पेश किए गये ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास को सात दिन न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए हैं। इससे पहले अदालत ने दोनों को नई दिल्ली स्थित तीस हजारी कोर्ट में पेश करने के लिए सीबीआई को एक दिन का ट्रांजिट रिमांड प्रदान किया था, लेकिन दोपहर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बाबत पूर्व में किए गये आदेश में बदलाव के बाद स्थानीय अदालत ने भी सड़क हादसे की जांच पूरी होने तक अपना फैसला स्थगित कर दिया.

बीस सदस्यीय टीम कर रही जांच
वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने माखी कांड के पांचों केस की जांच के लिए बीस सदस्यीय टीम बनाई है जिसमें कई एएसपी, डिप्टी एसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल किए गये हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच अधिकतम 15 दिन और बाकी चारों मामलों की जांच 45 दिन में पूरी करने के निर्देश सीबीआई को दिए हैं। इससे पहले सीबीआई ने बीते साल माखी कांड में दर्ज किए गये चारों केस में अदालत में चार्जशीट लगाई थी पर इनकी आगे की जांच अभी बाकी है। यह टीम सीबीआई की लखनऊ कार्यालय की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा के निर्देशन में काम करेगी। टीम के कुछ सदस्यों को अगले पांच दिन तक रायबरेली में डेरा डालने को कहा गया है ताकि सड़क हादसे की जांच को तेजी से पूरा किया जा सके। सूत्रों की मानें तो आवश्यकता पड़ने पर लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच की भी जांच में मदद ली जा सकती है।

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रायबरेली पहुंची फॉरेंसिक टीम
इसके अलावा सीबीआई की नई दिल्ली स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक लैबोरेटरी की छह सदस्यीय टीम शुक्रवार को राजधानी आ गयी, जिसके बाद उसे लखनऊ पुलिस की गाडि़यों से रायबरेली भेज दिया गया। टीम ने वहां घटनास्थल से कई अहम सुराग बटोरे और क्राइम सीन रिक्रिएशन की मदद से घटना की असली वजह जानने का प्रयास किया। टीम के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी एक्सपर्ट भी थे, जिन्होंने घटनास्थल और उसके आसपास के चप्पे-चप्पे को कैमरे में कैद कर लिया। टीम ने दुर्घटना को अंजाम देने वाले ट्रक के कुछ पा‌र्ट्स भी अपने कब्जे में लिए हैं।