-रेग्यूलर टीचर्स ही जांचेंगे कॉपी

-स्कूल्स टीचर्स को करना होगा कॉपी जांचने के लिए रिलीव

-स्कूल्स ने की मनमानी तो लगेगा 5 लाख का जुर्माना

GORAKHPUR: सीबीएसई बोर्ड एग्जाम फरवरी से शुरू हो रहे हैं। इस बार बोर्ड ने तमाम ऐसे रूल्स बनाए हैं जिनको चाहकर भी स्कूल्स इग्नोर नहीं कर सकते हैं। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस बार एग्जाम में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। बोर्ड ने कॉपियां जांचने के लिए रेग्यूलर टीचर्स के नाम ही स्कूल्स को भेजने का निर्देश दिया है। जो भी स्कूल एडहॉक टीचर्स का नाम भेजेगा उसके ऊपर पांच लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है।

बायलॉज को ना करें इग्नोर

पहले किसी भी स्कूल की मनमानी पर केवल 50 हजार रुपए की पेनाल्टी जुर्माने के रूप में ली जाती थी। लेकिन इस बार पेनाल्टी की रकम 5 लाख रुपए कर दी गई है। सीबीएसई के एफिलिएशन बायलॉज से किनारा करने वाले को 5 लाख रुपए की रकम चुकानी पड़ सकती है। इसलिए स्कूल बोर्ड के रूल्स और निर्देश को पालन करना ही होगा।

स्क्रूटनी की संख्या कम करने के लिए पहल

हर बार स्टूडेंट्स स्क्रूटनी के लिए आवेदन करते हैं। इससे बोर्ड की साख पर असर पड़ता है। बोर्ड का मानना है कि अगर टीचर्स कापियों की जांच अच्छे से करे तो ये नौबत नहीं आएगी। इस बार स्क्रूटनी की संख्या कम करने के लिए बोर्ड पहले से ही सख्ती कर रहा है।

टीचर्स को करना पडे़गा रिलीव

जिन स्कूलों की टीचर्स की ड्यूटी 10वीं और 12वीं की कॉपी जांचने में लगेगी। सबसे पहले तो वो रेग्यूलर होने चाहिए उसके बाद उन्हें स्कूल को रिलीव करना होगा। ऐसा नहीं किया तो स्कूल के ऊपर जुर्माना लगेगा।

आठ घंटे में 25 कापियों की जांच

पिछले साल बोर्ड एग्जाम में 1 टीचर को कॉपी जांचने के लिए 8 घंटे की ड्यूटी लगती थी। इतने समय में टीचर को करीब 25 कांपियां जांचनी होती थी। इस बार भी बोर्ड द्वारा इतना ही समय दिए जाने की उम्मीद है।

फरवरी में एग्जाम

सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं का एग्जाम फरवरी में शुरू होकर मार्च तक चलेगा। इसके बाद कॉपियों की जांच होगी।

दिव्यांग को एक्स्ट्रा समय

इस बार बोर्ड एग्जाम में दिव्यांग स्टूडेंट के लिए भी विशेष सुविधा दी जा रही है। उन्हें एग्जाम में करीब 50 मिनट का एक्स्ट्रा टाइम दिया जाएगा।

सीबीएसई स्कूल-102

कैंडिडेट्स इंटर का एग्जाम देंगे-8900

कैंडिडेट्स हाई स्कूल का देंगे एग्जाम- 10 हजार

बोर्ड एग्जाम में सेंटर- 26

वर्जन-

बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार रेग्यूलर टीचर्स ही कॉपियों की जांच करेंगे। इस एफिलिएशन बायलॉज को इग्नोर करने पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना बोर्ड की तरफ लगाया जा सकता है।

अजीत दीक्षित, सिटी कोआर्डिनेटर