-10वीं और 12वीं में सब्जेक्ट बदलने के लिए सीबीएसई ने जारी की गाइडलाइन

-सब्जेक्ट बदलने के लिए 15 जुलाई तय की गई है लास्ट डेट

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PRAYAGRAJ: अगर सीबीएसई बोर्ड की 10वीं या 12वीं बोर्ड में पढ़ रहा आपका बच्चा किसी सब्जेक्ट को लेकर कंफर्टेबल नहीं है तो इसे चेंज किया जा सकता है. सीबीएसई ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके मुताबिक सब्जेक्ट चेंज करने के लिए 15 जुलाई तक अप्लाई करना होगा.

फॉलो करनी होंगी गाइडलाइंस
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन की ओर से 10वीं और 12वीं में सब्जेक्ट बदलने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है. इन क्लासेज में पढ़ रहे बच्चे या उनके पैरेंट्स अगर सब्जेक्ट चेंज करना चाहते हैं तो उन्हें सभी इंस्ट्रक्शंस फॉलो करने होंगे. आवेदन के दौरान पैरेंट्स को सब्जेक्ट चेंज करने के लिए रिक्वेस्ट फार्म भरना होगा. अगर बच्चा अपने ही स्कूल में रहते हुए सब्जेक्ट चेंज करना चाहता है तो उसे लास्ट ईयर का रिपोर्ट कार्ड देना होगा. अगर किसी दूसरे स्कूल से ट्रांसफर केस है तो बच्चे के लास्ट ईयर के सर्टिफिकेट के साथ ही ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी स्कूल से बनवाकर देना होगा. अगर मेडिकल ग्राउंड पर सब्जेक्ट चेंज करने की जरूरत बनती है, तो उसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होगा. मेडिकल सर्टिफिकेट गवर्नमेंट ऑफिस का ही मान्य होगा. इससे जुड़े सभी इंपॉर्टेट डाक्यूमेंट्स भी अप्लाई करते समय ही देने होंगे. पूरी प्रक्रिया 15 जुलाई के पूर्व ही करना अनिवार्य किया गया है. स्कूलों को जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि ऐसी रिक्वेस्ट मिलने के साथ सात दिन के अंदर या फिर 21 जुलाई के अंदर सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ स्कूल आवेदन को बोर्ड को भेजें.

ट्रांसफर या कम्पार्टमेंट केस में छूट
अगर किसी गवर्नमेंट इम्लाई के ट्रांसफर होने की स्थिति में बच्चे का किसी दूसरे शहर में डायरेक्ट एडमिशन होता है तो उसे 15 जुलाई की डेडलाइन से छूट मिलेगी. इतना ही नहीं, कम्पार्टमेंट के रिजल्ट में शामिल स्टूडेंट्स को भी एडमिशन के लिए अलग से समय दिया जाएगा. दोनों ही केस में एडमिशन के सात दिन के अंदर सब्जेक्ट चेंज से जुड़ी सभी फॉर्मेलिटी पूरी करके देना अनिवार्य होगा.

अगर स्कूल में ऐसी रिक्वेस्ट आएं तो क्या करें

-सब्जेक्ट चेंज करने के लिए मिली रिक्वेस्ट पर रियल रीजन होना जरूरी है.

-लास्ट ईयर यानी 9वीं या 11वीं के रिजल्ट में स्टूडेंट्स का विषय के अनुसार परफार्मेस क्या रहा, इसे भी देखें.

-जिस विषय को मांगा गया है, वह स्कूल में है या नहीं? सब्जेक्ट टीचर भी अवेलेबल हों.

-स्कूल के पास डिमांड किए गए विषय की मान्यता हो.

-सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन बोर्ड के नियमों के अनुसार हो.