गिरफ्तार हुए तीनों कर्मचारी एक ही स्कूल के
नई दिल्ली (प्रेट्र)। देश में हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी कि सीबीएसई पेपर लीक के मामले ने प्रशासन से लेकर शासन तक को हिलाकर रख दिया। इस मामले में लगातार जांच हो रही थी, जिसके चलते मामले की जांच कर क्राइम ब्रांच टीम को काफी हद तक सफलता भी मिली है। इस मामले में क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय का कहना है कि  हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार हुए राकेश कुमार डीएवी स्कूल में आठ साल से पीजीटी अर्थशास्त्र शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वह उना में जवाहर नवोदय पब्लिक स्कूल में केंद्र अधीक्षक के रूप में तैनात थे।

अर्थशास्त्र के पेपर का बंडल निकाल लाया

यहीं पर सीबीएसई परीक्षा आयोजित की जा रही थी। अमित शर्मा और अशोक कुमार डीएवी स्कूल में क्लर्क और चपरासी के रूप में काम करते हैं। इन तीनों ने काफी हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। इन लोगों ने 12वीं अर्थशास्त्र का पेपर होने से तीन दिन पहले 23 मार्च को ही उसे लीक कर दिया था। इन लोगों ने पुलिस को बताया कि राकेश को अपने एक ट्यूशन छात्र की हेल्प करनी थी। वह पढ़ने में काफी कमजोर था। राकेश 23 मार्च को जब कम्प्यूटर साइंस का पेपर लेने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया गया था तो वहीं से वह कम्प्यूटर साइंस के साथ एक बंडल अर्थशास्त्र के पेपर का निकाल लाया।

चंडीगढ़ में रिश्तेदार के बच्चे को दी थी कॉपी

इसके बाद उसने बाहर आकर अर्थशास्त्र का पेपर अपने सहयोगियों अमित और अशोक को सौंप दिया और खुद एग्जाम सेंटर चला गया। वहीं अमित ने पेपर की फोटो खींच कर उसे व्हाट्सऐप के जरिए राकेश को भेज दी। इसके बाद राकेश कुमार ने राकेश ने फिर उसी पेपर की एक कॉपी अपने ट्यूशन वाले छात्र से हाथ से लिखवाई। इतना ही नहीं उसके बाद उसने उस कॉपी को चंडीगढ़ में अपने एक रिश्तेदार के बच्चे को भी दी। आरपी उपाध्याय का कहना है कि इस तरह हाथ से लिखी कॉपी लीक हो गई है और करीब 40 व्हाट्सऐप ग्रुपों पर शेयर हो गई। वहीं करीब 30-40 छात्रों को कॉपी मिलने की जांच हो रही है।

पुलिस में पेपर लीक के दो मामले दर्ज हुए थे

पेपर लीक में पैसे लिए जाने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। तीनों अभियुक्तों मामले को छिपाने के लिए व्हाट्सऐप मैसेज हटाने के साथ लिखी गई कॉपी भी नष्ट कर दी थी। पेपर लीक की बात 26 मार्च की शाम को सामने आई जब दिल्ली में सीबीएसई मुख्यालय में अर्थशास्त्र के पेपर की हाथ से लिखी चार प्रतियां पहुंची थी। इसके बाद सीबीएसई ने 30 मार्च को ऐलान किया कि 25 अप्रैल को पूरे देश में 12वीं अर्थशास्त्र के री-एग्जाम का ऐलान किया। बतादें कि सीबीएसई के पेपर लीक मामले में पहला मामला 12वीं अर्थशास्त्र का 27 मार्च को और दूसरा 10 वीं गणित का पेपर लीक का 28 मार्च को दर्ज हुआ था।

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