तीन सालों में सबसे कम रहा सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट

ALLAHABAD: यूपी बोर्ड की तर्ज पर इस बार सीबीएसई के रिजल्ट में भी मॉडरेशन अंक प्रणाली का असर साफ देखने को मिला। यही कारण था कि रिजल्ट में एक फीसदी की कमी आने के बाद भी स्टूडेंट्स के अंक शानदार रहे। इसकी ऑफिशियल पुष्टि किसी ने नहीं की है।

कोर्ट के आदेश पर लगी है रोक

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन ने लास्ट इयर ही मॉडरेशन अंक प्रणाली को खत्म करने की पहल की थी। यह नियम परीक्षा के बाद बना, इसलिए न्यायालय ने इस बदलाव पर रोक लगा दी। कोर्ट का कहना था कि इस तरह के नियम पहले ही तय होने चाहिए। ऐसे में सीबीएसई सहित अन्य शिक्षा बोर्डो ने उसे माना। इस बार भी मॉडरेशन प्रणाली को लेकर अटकलें लगती रहीं। यूपी बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद ही साफ हो गया था कि मॉडरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। यूपी बोर्ड ने इसी प्रणाली के जरिए अपने रिजल्ट में सफलता के प्रतिशत को सुधारा था। सीबीएसई में मॉडरेशन अंक प्रणाली लागू होने का दबी जुबान दावा इसलिए किया जा रहा है कि पिछले वर्षो की अपेक्षा रिजल्ट के सफलता प्रतिशत में बहुत बड़ा अंतर नहीं आया है। यदि यह प्रणाली लागू न होती तो रिजल्ट एकदम से धड़ाम हो जाता।

सीबीएसई रिजल्ट कंपैरीजन

2015 75.16 फीसदी

2016 76.83

2017 76.20

2018 75.19