- सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में इंटर्नल असेसमेंट के मा‌र्क्स जुड़ने के बाद बढ़ जाएगा रिपोर्ट कार्ड का साइज

- नए फार्मेट में बोर्ड जारी करेगा सर्टिफिकेट

GORAKHPUR: फरवरी से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का बोर्ड एग्जाम शुरू हो रहा है। स्टूडेंट्स संग टीचर्स भी इसकी तैयारियों में लग गए हैं। सीबीएसई ने सभी स्कूलों को 12वीं क्लास का इंटर्नल असेसमेंट भेजने का निर्देश दिया है। स्कूलों को 17 जनवरी से सात फरवरी तक इंटर्नल असेसमेंट भेजना कंपल्सरी है। बोर्ड की मानें तो स्कूल असेसमेंट में ओवरराइटिंग करेंगे तो ऐसे असेसमेंट को बोर्ड की ओर से ऐक्सेप्ट नहीं किया जाएगा। ऑनलाइन इंटर्नल असेसमेंट भेजने के लिए स्कूल को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड यूज करना होगा। ऑफ लाइन भेजने पर स्टूडेंट का रोल नंबर बोर्ड द्वारा रोक दिया जाएगा।

मार्कशीट में भी नजर आएगा बदलाव

10वीं और 12वीं स्टूडेंट्स की मार्कशीट का रूप भी इस बार बदला हुआ नजर आएगा। बोर्ड की ओर से एग्जाम्स में इंटर्नल असेसमेंट लागू किए जाने के बाद से मार्कशीट के प्रारूप में बदलाव किया गया है। एक तरफ जहां उसके साइज में बदलाव होगा, वहीं इंटर्नल असेसमेंट से जुड़े सभी नंबरों को साफ-साफ अंकित किया जाएगा ताकि स्टूडेंट्स को ये पता चल सके कि उन्हें किस मद में कितने नंबर हासिल हुए हैं।

20 नंबर का इंटर्नल असेसमेंट

बोर्ड की ओर से इस बार इंटर्नल असेसमेंट के नाम पर पीरियोडिक टेस्ट के पांच, पोर्टफोलियो के पांच, मल्टीपल असेसमेंट, सब्जेक्ट इनरिचमेंट एक्टिविटी (एसएई) के पांच-पांच अंक (कुल 20 नंबर) निर्धारित किया है। पुरानी व्यवस्था के मुताबिक साल के अंत में एक बार लिए गए एग्जाम से स्टूडेंट का सही आंकलन नहीं हो पाता है। इसलिए पूरे साल भर स्टूडेंट का परफॉर्मेस कैसा रहा है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती थी। इसके बाद बोर्ड ने व्यवस्था में बदलाव करते हुए 10वीं और 12वीं के सभी मुख्य विषयों में 20-20 नंबर का इंटर्नल असेसमेंट को लागू किया है। 80 नंबर के थ्योरी की परीक्षा होगी।

असेसमेंट और इवैल्युएशन में क्या है अंतर

असेसमेंट का मतलब है स्टूडेंट ने साल भर में कितना समझा, जबकि ईयर एंड में होने वाले इवैल्युएशन का मतलब है कि स्टूडेंट कितना पढ़ पाया।

वर्जन

सारे सब्जेक्ट्स में इंटर्नल असेसमेंट लागू किया गया है। मार्कशीट पर सब्जेक्ट्स के इंटर्नल असेसमेंट से जुड़े नंबर क्लियर रूप से अंकित होंगे। इससे स्टूडेंट्स का पूरे साल का परफॉर्मेस कैसा रहा। इसके बारे में सटीक आंकलन किया जा सकेगा।

- अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर पब्लिक स्कूल एसोसिएशन

इंटर्नल असेसमेंट सभी सब्जेक्ट में लागू किए जाने से मार्कशीट का रूप बदल जाएगा। इससे स्टूडेंट्स को खुद के बारे सही आंकलन करने में आसानी होगी।

- दीपिका अरोड़ा, प्रिंसिपल, सरमाउंट इंटरनेशनल स्कूल