-सीबीएसई ने बच्चों को एजुकेशन फ्रेंडली बनाने के लिए मांगा फीडबैक

-एजुकेशन का मतलब सिर्फ पढ़ाई तक सीमित होने से बच्चों में बढ़ रही समस्याएं

ALLAHABAD: बच्चों के ऊपर पढ़ाई का प्रेशर हावी है। हालत यह है कि अब तो बच्चे पढ़ाई को बोझ समझने लगे हैं। इसका असर उनकी परफॉर्मेस पर भी पड़ रहा है। पैरेंट्स का दबाव और स्कूलों में कॉम्पटीशन बच्चे को चिड़चिड़ा बना रहा है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने और बच्चों को स्टडी के प्रति फ्रेंडली बनाने के लिए सीबीएसई ने लोगों से फीडबैक मांगा है। ताकि बच्चों पर प्रेशर कम और स्टडी इंटरैक्टिव बने। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इस मामले में सिटी में एक्सपर्ट से बात की और जाना कि किस दबाव से जूझ रहे हैं लाडले?

मनोविज्ञानशाला में आने वाले बच्चों की मुख्य समस्या

-पढ़ाई में मन कम लगता है और पढ़ते समय ऊबने लगते हैं।

-पढ़ाई के लिए कहने पर तरह-तरह के बहाने बनाते हैं।

-घर वालों की बात हमेशा अनसुनी करते हैं।

-पढ़ाई से ज्यादा मोबाइल में समय देना चाहते हैं।

-मोबाइल यूज करने से मना करने पर गुस्सा करते हैं।

-पैरेंट्स की हर बात पर इरिटेट होते है

-बेमन से पढ़ाई करते हैं, नतीजा परफॉर्मेस खराब होती है।

ऐसे दूर होगी समस्या

उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला के प्रधानाध्यापक डॉ। कमलेश तिवारी ने इस मामले में अहम सुझाव दिए। उनके मुताबिक

-दो प्रकार की पढ़ाई होती है, कॉग्निटिव और नॉन कॉग्निटिव। कॉग्निटिव यानी संज्ञानात्मक। इसमें एक निश्चित पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ते हुए उसमें सफलता हासिल कर लेना और खुद को पढ़ा-लिखा समझना।

-नॉन कॉग्निटिव के तहत पढ़ाई के अलावा मानसिक स्वास्थ भी जरूरी होता है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों के मानसिक परिवेश और अनुभव को बढ़ाया जाए। ताकि वह सामाजिक व पारिवारिक बातों की जानकारी हासिल कर सके।

-रिसर्च करके बच्चों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही सर्वे करके मानसिक विकास के हिसाब से सिलैबस बनना चाहिए।

पिछले तीन साल में इतने बच्चे आए मनोविज्ञानशाला

वर्ष बच्चों की संख्या

2017 250

2016 230

2015 245

नोट: आंकड़े लगभग में दिए गए हैं

वर्जन

बच्चों को सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित रखना गलत है। उनके सर्वागीण विकास के साथ ही उनकी मन की स्थिति को समझते हुए सामाजिक शिक्षा भी जरूरी है। इससे वह स्टडी को लेकर इंटरैक्टिव होंगे।

-डॉ। कमलेश तिवारी

प्रधान अध्यापक

उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला