नई दिल्ली (आईएएनएस / पीटीआई)। नई दिल्ली (आईएएनएस / एएनआई)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12 कक्षा की परीक्षाओं के लिए ग्रेड/अंक देने के लिए अपने मूल्यांकन मानदंड गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किए। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीएसई 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के नतीजों के आधार पर 12वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए 30:30:40 का फॉर्मूला अपनाएगी। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 11वीं कक्षा के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क्स लिए जाएंगे। इसके अलावा 12वीं कक्षा के यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त मार्क पर फोकस होगा।

समिति को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी थी
हाल ही में 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम और अंक देने का फॉर्मूला तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया था। समिति में 12 लोग शामिल हैं, जिनमें शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विपिन कुमार शामिल हैं।सीबीएसई ने इस संबंध में 4 जून को अधिसूचना जारी की थी। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि इस समिति में 12 सदस्य हैं। यह कमेटी छात्रों को प्रमोट करने और उनकी मार्कशीट तैयार करने का आधार तय करेगी। अधिसूचना के मुताबिक समिति को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी थी। हालांकि रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर यानि 14 जून तक जमा नहीं की गई, इसलिए अब तक मूल्यांकन मानदंड जारी नहीं हुए।
सुप्रीम कोर्ट से सीबीएसई चार सप्ताह का समय चाहती थी
केंद्र सरकार ने हाल हाल ही में कोविड मामलों में उछाल के कारण 1 जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए छात्रों के मूल्यांकन के लिए लागू किए जाने वाले मानदंडों को जानना चाहा था। इस मामले में सीबीएसई चार सप्ताह का समय चाहती थी लेकिन अदालत ने कहा कि विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए प्रक्रिया में देरी होगी और दो सप्ताह का समय दिया था।

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