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MEERUT : एग्जाम में स्टूडेंट्स बेहतर से बेहतर अचीव कर सके, इसके लिए सीबीएसई ने प्लानिंग की हैं। इसके मद्देनजर बोर्ड ने बच्चों को प्रेशर से बचाने के लिए नई कवायद की है। इसके तहत बोर्ड अब अलग से पियर प्रेशर को लेकर बच्चों का असेसमेंट करेगा।

ये है योजना
बोर्ड की ओर से पियर प्रेशर को लेकर अलग से असेसमेंट होगा। इसके लिए बोर्ड ने स्कूलों में इंटरनल एग्जाम्स के दौरान ही इसको भी शामिल करने के लिए कहा है। पांच नंबर के इस टेस्ट में स्टूडेंट्स का पोर्टफोलियो पूछा जाएगा। असेसमेंट के दौरान अगर किसी स्टूडेंट में किसी भी तरह का प्रेशर मिलता है तो उसको बकायदा काउंसलिंग कराई जाएगी।

ये है पियर प्रेशर
जिला अस्पताल की क्लीनिकल काउंसलर डॉ। विभा नागर बताती हैं कि बच्चों में सब्जेक्ट्स को लेकर समाज, बैचमेट्स या किसी ओर का दबाव होता है। कई बार मा‌र्क्स और परफार्मेस को लेकर भी बच्चे दूसरे के प्रभाव में आ जाते हैं और अपनी तुलना करना शुरु कर देते हैं। इसकी वजह से वह हर वक्त दबाव में रहते हैं और उनकी परफार्मेस खराब हो जाती है। इसे ही पियर प्रेशर कहते हैं.

इनका है कहना
बच्चे बहुत जल्दी किसी से भी प्रभावित हो जाते हैं। इसी वजह से अक्सर उनमें दबाव भी देखा जाता है। जो सही नहीं होता है। स्कूली स्तर से इसकी काउंसलिंग होनी चाहिए।
- डॉ। याचना भारद्वाज, प्रिंसिपल, ऋषभ एकेडमी

पियर प्रेशर में स्टूडेंट्स अपनी परफार्मेस अक्सर खराब कर लेते हैं। दबाव में उनकी ग्रोथ भी रूक जाती है। सीबीएसई का ये कदम बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।
- निधि मलिक, प्रिंसिपल, सेंट जेवियर्स व‌र्ल्ड स्कूल