अध्यक्ष पद

अध्यक्ष पद पर कड़ी टक्कर होने जा रही है। अध्यक्ष पद पर दो जाट कैंडीडेट हैं, जिनमें से एक की स्थिति मजबूत दिख रही है तो दूसरा सिर्फ वोट काटने के चक्कर में है। मजबूत स्थित में चल रहे अनिल कुमार के सामने ये बड़ी चुनौती होगी। वहीं तीन दलित के मैदान में होने से दलित भी एक दूसरे की वोट काटेंगे। एक पूरब के बनिया कैंडीडेट भी मैदान में है जो जनरल और पूरब की वोट ग्रेब करने के चक्कर में हैं, लेकिन इनको फाइट देने के लिए सपा ने भी पूरब कार्ड खेला है। ऐसे में अगर जाट और पूरब के वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाएंगे। जाट और पूरब की वोट मिल जाएं तो यह अध्यक्ष बना सकता है। पहले समीकरण जाट और दलित का था, लेकिन दो जाट और तीन दलितों ने ये समीकरण बिगाड़ दिए हैं। अध्यक्ष पद पर टफ फाइट होने वाली है।

महामंत्री पद

महामंत्री पद पर भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। जरनल की वोट काटने के लिए एक त्यागी, एक पूरब के ठाकुर कुंवर सौरभ सिंह, एक पूरब के पंडित सुदेश कुमार हैं। सुदेश को ठाकुरों का समर्थन प्राप्त है, ऐसे में सौरभ को ज्यादा मेहनत करनी होगी। इसके अलावा एक यादव, तीन गुर्जर और एक जाट भी मैदान में हैं। तीन गुर्जरों में से एक विनीत चपराणा सपा से नाराज होने के बाद इंडिपेंडेंट मैदान में आए हैं।

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