- नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक जीत के साथ बनारस की सड़कों पर जश्न का माहौल

- रोक के बावजूद जगह-जगह निकला जुलूस, बांटी गई मिठाई और जमकर हुआ डांस

- शाम में सड़कों पर उमड़े नौजवान, बाइक के साथ निकाला जुलूस, की आतिशबाजी

VARANASI: अच्छे दिन आ गये भैया। लो चचा मिठाई खाओ। क्या कहा शुगर है। अरे बनारस से 'एमपी' नहीं 'पीएम' जीता है, मुंह तो मीठा करना ही पड़ेगा। ढोल नगाड़े की धुन पर हवा में हाथ हिलाते कमर मटकाते लोगों का ये जुलूस बनारस की सड़कों पर दोपहर में ही निकल आया। तब तक वाराणसी लोकसभा सीट पर काउंटिंग आधी ही हुई थी। नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ डेढ़ लाख से ज्यादा की लीड हासिल कर ली है, इतना काफी था खुशी मनाने के लिए।

रोके के बावजूद जुलूस

सुबह 8 बजे से टीवी से चिपके लोग खुशी का इजहार करने दोपहर में सड़कों पर उतर आये। वैसे तो बनारस में धारा क्ब्ब् लागू है। विजय जुलूस निकाले पर भी रोक है। फिर भी सैकड़ों लोगों ने अलग-अलग ग्रुप में जुलूस निकलना शुरू कर दिया। कोई भी एरिया ऐसा न था जहां जीत की खुशी में ढोल बजाते, मोदी के फेस मास्क लगा कर डांस करते, मिठाई बांटते और 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' के नारे बुलंद करते लोग न दिखाई दे। इलेक्शन से ठीक भले भले ही इस नारे को लेकर विवाद हुआ मगर बनारसी भला कहां किसी की सुनने वाले। शुक्रवार को हर जगह यही नारा शबाब पर था।

माहौल हुआ 'मोदीमय'

जश्न के लिए सड़क पर निकले की एक वजह बिजली भी रही। शुक्रवार को टीवी सेट से चिपके लोगों को बिजली ने खूब छकाया। नजीता पब्लिक सड़कों पर उतर कर प्रदेश की सपा सरकार को कोसने लगी। यहां तक चर्चा होने लगी कि प्रदेश में शर्मनाक हार देखकर ही बिजली कटौती कराई जा रही है। इधर, सिगरा स्थित बीजेपी के चुनाव कार्यालय में भी जश्न का माहौल रहा। खुशी में जहां बनारस के मेयर रामगोपाल मोहले ढोल बजाते नजर आये वहीं बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली कमर मटकाते दिखे।

शाम में बस मोदी-मोदी

वैसे तो पूरे दिन बनारस की जनता चुनावी रिजल्ट के लिए घर में टीवी से चिपकी रही मगर शाम में रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद पब्लिक, खासतौर से यंगस्टर्स सड़कों पर उमड़ आये। कोई भी सड़क या बाजार नहीं दिखा जहां बाइक सवार ये यंगस्टर्स बीजेपी की टोपी, झंडा, मोदी का मास्क लेकर नारे लगाते नजर न आये हों। जगह-जगह आतिशबाजी के बीच ढोल-नगाड़े पर डांस भी हुआ। लोगों को इस बात की ज्यादा खुशी थी बनारस से मोदी की जीत में उन्हें सांसद नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मिला है। इससे पहले बनारस में जन्मे पले बढ़े लाल बहादुर शास्त्री भी देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं मगर वो यहां चुनाव लड़े नहीं थे।

जीत का था यकीन

भले ही बनारसी वाराणसी में नरेन्द्र मोदी की जीत को लेकर काफी खुश थे मगर ये भी सच था कि उन्हें इस जीत का पूरा यकीन था। वजह ये थी कि यहां नरेन्द्र मोदी के फेवर में शुरू से माहौल बना था। लोगों की क्यूरेसिटी इस बात को लेकर थी कि मोदी को कितने वोटों से जीत मिलती है और दूसरे नम्बर पर कौन उम्मीदवार आता है। इसी वजह से सभी को क्म् मई का बेसब्री से इंतजार था।