रिम्स में सेंट्रल लैब में ब्लड टेस्ट पर 19 जुलाई तक लगा दी गई है रोक

RANCHI : रिम्स का सेंट्रल लैब जरूरत की व्यवस्था नहीं होने की वजह से मंगलवार से ही बंद कर दिया गया है। जिसका सबसे अधिक खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। हॉस्पिटल में उनका टेस्ट नहीं हो पा रहा है इस वजह से उन्हें बाहर जांच करानी पड़ रही है। जो उनकी जेब पर भी असर डाल रहा है। मरीजों को होने वाली इस परेशानी से रिम्स प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है।

गरीब मरीजों की बढ़ी परेशानी

हॉस्पिटल में ऐसे भी की मरीज आते है जिनके पास पैसे नहीं होते है। ऐसे मरीजों को ही सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनके पास तो प्राइवेट लैब में जांच कराने के लिए भी पैसे नहीं है। ऐसे में उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है।

लैब पहुंच रहे हैं मरीज

सेंट्रल लेबोरेटरी में 19 जुलाई तक जांच बंद होने की सूचना लगाए जाने के बावजूद मरीजों के जांच की पर्ची काटी जा रही है। वहीं पर्ची कटाने के बाद जब परिजन टेस्ट के लिए लैब जा रहे है तो उन्हें भी चार दिन बाद आने को कहा जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जांच बंद होने के बावजूद जांच के लिए पर्ची क्यों काटी जा रही है।

रिनोवेशन का चल रहा काम

कुछ दिनों पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर के पीछे नया कलेक्शन सेंटर बनाया गया था। यह सेंटर मेडाल को देने के लिए बनाया गया था। बीते रविवार को हॉस्पिटल का सेंट्रल लैब इस कलेक्शन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन जरूरी सुविधाओं के नहीं होने की वजह से ब्लड टेस्ट नहीं हो पा रहा था। इस वजह से मशीनों को अंदर के रूम में शिफ्ट करने के लिए बनाए गए दरवाजे को तोड़ दिया गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पहले लैब बनाया गया, फिर तोड़ा और अब रिनोवेट क्यों कर रहे है? जबकि इस तोड़-फोड़ के चक्कर में परेशानी तो मरीजों को ही हो रही है।

वर्जन

भटकते परिजनों ने बताई परेशानी

लैब बंद होने का बोर्ड तो लगा दिया गया है। लेकिन हमलोग कहां जाएंगे। हमारे पास इतना पैसा भी नहीं है कि हम बाहर जाकर टेस्ट कराएं। अब तो लैब चालू होने का इंतजार करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है।

सोमनाथ

मैं तो सोमवार से ही पर्ची कटाकर टेस्ट के लिए घूम रहा हूं। उस दिन लैब में पानी भर जाने की वजह से टेस्ट नहीं हो पाया। मंगलवार से तो टेस्ट ही बंद कर दिया गया है। अब तो हॉस्पिटल के बाहर टेस्ट कराने में काफी खर्च होगा।

मोबीन