- आवास-विकास ने मार्केट में कराई मुनादी, चस्पा किया नोटिस

-आक्रोशित व्यापारी डीएम से मिलकर लगाएंगे रोजी रोटी की गुहार

-सुप्रीम कोर्ट के विंटर अवकाश खत्म होने तक की मांगेगे मोहलत

Meerut: सेंट्रल मार्केट के ध्वस्तीकरण को लेकर आए हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अब मार्केट ध्वस्तीकरण कार्रवाई का काउंट डाउन शुरू हो गया है। आवास-विकास ने रविवार को ध्वस्तीकरण की तैयारी शुरू करते हुए मार्केट में मुनादी कराते हुए नोटिस चस्पा कर दिया।

व्यापारियों में आक्रोश

ध्वस्तीकरण संबंधी कोर्ट के आदेशों की डेडलाइन जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे ही व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रविवार शाम को मार्केट के व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में व्यापारियों ने कहा कि यदि उनकी रोजी रोटी पर चोट की गई तो शहर का समस्त व्यापारी एकजुट होकर प्रशासन का पुरजोर विरोध करेगा।

सुप्रीम कोर्ट बंद, हाई कोर्ट में हड़ताल

व्यापारियों का कहना है कि शीत कालीन छुट्टियों के चलते सुप्रीम कोर्ट बंद है, जबकि हाईकोर्ट में हड़ताल चल रही है, जिसके चलते उनकी कानूनी प्रक्रिया शिथिल पड़ गई है।

डीएम से जाएंगे विरोध

बैठक में निर्णय लिया गया कि सोमवार को सभी व्यापारी एकजुट होकर डीएम से मुलाकात करेंगे और सुप्रीम कोर्ट खुलने तक की मोहलत मांगेगे। व्यापारी नेता विनोद अरोरा ने बताया कि व्यापारियों को कम से कम अग्रिम कानूनी कदम उठाने तक का समय दिया जाना चाहिए।

क्या है मामला

आवासीय क्षेत्र में कार्मिशल निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने सेंट्रल मार्केट के ख्0 दुकानों को फ्क् दिसंबर तक ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद दो व्यापारियों ने हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से स्टे प्राप्त कर लिया था। अब प्रशासन व आवास-विकास ने कोर्ट के अनुपालन में शेष दुकानों को तोड़ने का निर्णय लिया है।

सोमवार को सभी व्यापारी डीएम से मिलकर मामले में राहत प्रदान करने की मांग करेंगे। व्यापारियों को अग्रिम कानूनी कार्रवाई के लिए प्रशासन स्तर से कुछ मोहलत दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट स्टे को आधार मानते हुए व्यापारियों को राहत दी जा सकती है।

-नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

सुप्रीम कोर्ट से केवल दो दुकानों पर ही स्टे आया था, जबकि शेष क्8 दुकानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है। कोर्ट के आदेशानुसार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

-उमेश मित्थल, एसई आवास-विकास परिषद