जंग-ए-मैदान बना सेंट्रल मार्केट, प्रशासन पर भारी पड़े व्यापारी

- भारी पुलिस फोर्स के बावजूद निर्णय नहीं ले सके अफसर

- पूरे दिन की जद्दोजहद के बाद शाम को उलटे पांव लौटी टीम

- व्यापारियों के समर्थन में उतरे नेता, लोगों का लगा रहा जमावड़ा

Meerut: पुलिस तैयार थी, आरएएफ मौजूद थी, सीआरपीएफ तैनात थी, पीएसी मौजूद थी, एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी मौजूद थे। बस एक कमी रह गई। आवास विकास का कोई अधिकारी डिमोलिशन का निर्णय नहीं ले सका। अगर आज अधिकारी हिम्मत दिखाते तो आने वाले सालों में कोई भी आवास विकास की जमीन पर अवैध कंस्ट्रक्शन करने की हिम्मत नहीं करता। अब आवास विकास के पास फ्क् दिसंबर का दिन और है। अगर आवास विकास डिमोलिशन करता है तो ठीक है। वरना अधिकारियों को हाईकोर्ट की अवमानना झेलनी पड़ेगी। ऐसे में अब पूरी तरह से सभी की नजरें आवास विकास के अधिकारियों पर आ टिकी हैं।

लीगल रिपोर्ट के बाद मांगी फोर्स

लखनऊ मुख्यालय से लीगल रिपोर्ट आते ही आवास-विकास परिषद ने जिला प्रशासन से ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए पुलिस बल की मांग की। फोर्स की मांग पर जिलाधिकारी ने एडीएम सिटी एसके दुबे को मजिस्ट्रेट नियुक्त कर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे के निर्देश दिए।

छावनी में तब्दील सेंट्रल मार्केट

मंगलवार सुबह करीब साढ़े नो सेंट्रल मार्केट प्रशासनिक गाडि़यों के सायरन से गूंज उठा। दस मिनट के भीतर-भीतर सेंट्रल मार्केट के आस-पास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील नजर आने लगा। एडीएम सिटी एसके दुबे व एसपी सिटी ओमप्रकाश ने लीड करते हुए पूरा मार्केट कवर कर लिया। ध्वस्तीकरण कार्रवाई को अंजाम देने के लिए आवास-विकास के सहायक आयुक्त दीपचंद व एसई उमेश मित्थल भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।

व्यापारियों ने पकड़ा जोर

लखनऊ से आई निगेटिव लीगल रिपोर्ट के बाद पूरी तैयारी किए बैठे व्यापारियों ने भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की चहल कदमी देख साथी व्यापारी संगठनों को सूचना दे दी। धरना स्थल पर एकजुट व्यापारियों ने आवास-विकास व पुलिस प्रशासनिक टीम के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी।

समर्थन में उतरे व्यापारी संगठन

संयुक्त व्यापार संघ के आह्वान पर आबूलेन, कागजी बाजार, बेगमपुल, पीएल शर्मा, खैर नगर, सदर बाजार व एल ब्लाक समेत व्यापारी सुबह दस बजे के आसपास अपने प्रतिष्ठान बंद कर सेंट्रल मार्केट पहुंचे और एकजुटता दिखाते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की विरोध करने लगे। व्यापारियों ने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से मार्केट को गिराने का प्रयास किया तो शहर का माहौल बिगड़ने में दस मिनट भी नहीं लगेंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

व्यापारी नेताओं ने भरी हुंकार

क्क्.क्भ् बजे के आस-पास संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता कमेटी के सदस्यों व सैकड़ों व्यापारियों के साथ नारे बाजी करते हुए धरना स्थल पर पहुंचे, जिसके बाद व्यापारी नेता बिजेन्द्र अग्रवाल व अरुण वशिष्ठ भी अपने समर्थकों समेत मौके पर ही नजर आए।

राजनीतिक नेताओं का लगा जमवाड़ा

बारह बजते-बजते सेंट्रल मार्केट किसी राजनीतिक महासभा की तरह नजर आने लगा। सपा प्रदेश छात्र सभा के अध्यक्ष अतुल प्रधान अपने समर्थकों व विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ व्यापारियों के बीच पहुंचे और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद भाजपा झुग्गी झोंपड़ी प्रकोष्ठ के सुनील भराला, कांग्रेस के राजेन्द्र शर्मा व अन्य नेताओं ने व्यापारियों को समर्थन देने की घोषणा की।

राकेश टिकैत भी पहुंचे

रोजी-रोटी बचाने को लेकर पुलिस-प्रशासन से लोहा ले रहे व्यापारियों का साथ और समर्थन देने के मकसद से भाकियू नेता राकेश टिकैत भी दोपहर क्ख्.फ्0 बजे दल-बल के साथ शास्त्रीनगर पहुंचे। राकेश शास्त्रीनगर चौराहे पर समर्थकों समेत धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि व्यापारियों पर हो रहे जुल्म को सरकार बंद करे और कंपाउंडिंग कर दुकानों को नियमित करे।

उग्र रवैया देख घबराए अफसर

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंचे आवास-विकास के अफसरों ने जम मौके पर व्यापारियों संगठनों व राजनीतिक लोगों का हुजूम देखा तो उनके हाथ पांव फूल गए। आवास-विकास परिषद के सहायक आयुक्त दीपचंद व एसई उमेश मित्थल ने जब व्यापारियों का उग्र रवैया देखा तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से विचार विमर्श करने की मांग की।

रणनीति तय करते रहे अफसर

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर व्यापारियों के साथ टकराव की मुद्रा देख आवास विकास, पुलिस व प्रशासन के अफसरों ने एक मकान में बैठक की। इस दौरान एडीएम सिटी एके दुबे, एसपी सिटी ओमप्रकाश व आवास-विकास परिषद के एसई उमेश मित्थल ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए रणनीति तय की।

चलता रहा धरना-मंथन

एक ओर जहां पुलिस प्रशासनिक अफसर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए रणनीति बना रहे थे, वहीं दूसरी ओर धरना स्थल पर व्यापारी व राजनेता पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे थे। भाजपा नेता सुनील भराला ने धरने को संबोधित करते हुए कि आज तक प्रशासन झुग्गी झौंपड़ी को नहीं हटा पाए ऐसे में सेंट्रल मार्केट को हटाना तो दूर की कोड़ी है। भाजपा नेता ने कहा कि सभी व्यापारी नेताओं के साथ वह भी यहां हैं और भारी ताम झाम के साथ पुलिस प्रशासन भी यहीं मौजूद है, यदि उनमें दम है तो सेंट्रल मार्केट पर कार्रवाई कर दिखाएं।

व्यापारी नेताओं ने बांटे फूल

इस बीच व्यापारियों ने मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को गुलाब का फूल देकर गांधी गिरी का परिचय दिया। व्यापारियों ने अफसरों को फूल भेंट करते हुए कार्रवाई न करने की मांग की।

आवास-विकास बनाम प्रशासन

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर दो घंटे चली अफसरों की बैठक में जब आवास-विकास ने कार्रवाई शुरू करने की बात कही तो एसपी सिटी ओमप्रकाश ने दो टूक कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपाल में आवास-विकास परिषद को पुलिस बल मुहैया करा दिया गया है, अब आगे का निर्णय आवास विकास के अफसरों को ही लेना होगा। एसपी सिटी ने कहा कि कार्रवाई को अंजाम दिलाने के लिए आवास विकास के अफसरों को शुरुआत करनी होगी।

घबराए अफसर लौटे वापस

व्यापारियों का अडियल रुख देख आवास-विकास के अधिकारी न केवल कार्रवाई शुरू कराने की हिम्मत जुटा सके, बल्कि उन्होंने उलटे पैर लौटना ही मुनासिब समझा। आवास-विकास की ओर से कोई निर्णय न आता देख पूरा पुलिस प्रशासनिक अमला शाम करीब चार बजे वापस लौट आया।

डीएम व एसएसपी पहुंचे

शाम करीब साढ़े तीन बजे के आस-पास डीए पंकज यादव और एसएसपी ओंकार सिंह मौके का निरीक्षण करने सेंट्रल मार्केट पहुंचे। इस बीच डीएम ने व्यापारी नेताओं से न केवल उनका पक्ष जाना, बल्कि उनके द्वारा की जा रही कानूनी लड़ाई की भी रिपोर्ट मांगी।

व्यापारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का कोई कागज न देख हाई कोर्ट के अनुपालन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आवश्यक बताया, जिस पर व्यापारियों ने प्रशासन विरोधी नारे लगाते हुए कार्रवाई न होने देने की बात कही।

ये रहे मौजूद

अतुल प्रधान, सुनील भराला, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक रविन्द्र भड़ाना, विजेन्द्र अग्रवाल, नगीन चंद जैन, कमल ठाकुर, नवीन गुप्ता, अमित अग्रवाल, राकेश टिकैत, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, राजकुमार कौशिक, अरुण वशिष्ठ, हर्ष गोयल, राजेन्द्र शर्मा व जगदीश शर्मा आदि।

एक मंच पर नजर आए राजनेता

सेंट्रल मार्केट ध्वस्तीकरण के विरोध में और व्यापारियों की समर्थन में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता एक मंच पर नजर आए। इस बीच सपा नेता अतुल प्रधान व आदिल चौधरी, कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा व जगदीश शर्मा एवं भाजपा के मेकर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक रविन्द्र भड़ाना व सत्यप्रकाश अग्रवाल आदि नेता एक सुर में बोलते नजर आए।

आज जिस हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुलिस-प्रशासन व्यापारियों और उनके परिजनों को रौंदने निकली है, वह शुगर मिल मालिकों के प्रकरण में क्यों चुप हो जाती है। कोई भी एक ऐसी कार्रवाई बता दे, जहां हाईकोर्ट के आदेश पर करोड़ो का बकाया रखने वाले मिलों की कुर्की हुई हो या मिल मालिक गिरफ्तार हुआ हो।

राकेश टिकैत, भाकियू नेता

स्टैंड आवास विकास को लेना था। हमारी पूरी फोर्स तैयार थी। अब वो लखनऊ राय ले रहे हैं। अगर फ्क् को डिमोलिशन की कार्रवाई करते हैं तो हमारी फोर्स तैयार है। अगर अधिक फोर्स की जरूरत पड़ी तो दी जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम, मेरठ

संयुक्त व्यापार संघ की ओर से आए ज्ञापन को लखनऊ स्थित मुख्यालय में विचार विमर्श के लिए भेजा गया है। बुधवार सुबह मुख्यालय में वार्ता कर रिपोर्ट ली जाएगी।

उमेश मित्तल, एसई आवास-विकास परिषद

हमारी मांग पत्र को आवास-विकास ने लीगल एडवाइज के लिए एक बार फिर लखनऊ भेजा है। यदि वहां से हमारे अनुरूप गाइड लाइन नहीं आती तो विरोध जारी रहेगा।

नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

व्यापारियों की मांग आज भी वही है। हमें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का एक मौका दिया जाना चाहिए। यदि प्रशासन ने कार्रवाई की तो व्यापारी किसी भी हद तक जाने को मजबूर होंगे।

किशोर वाधवा, अध्यक्ष सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ

चलता रहा भंडारा, होता रहा रामायण पाठ

ध्वस्तीकरण कार्रवाई के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने समर्थकों के लिए खाने पीने के पूरी व्यवस्था की थी। धरना स्थल पर एक ओर जहां व्यापारियों के परिजन मार्केट के बचाव में दिन भर रामायण का पाठ करते रहे, वहीं भारी मात्रा में मौजूद व्यापारी व समर्थकों ने भंडारे में खूब सब्जी पूड़ी खाई। भंडारे के दौरान व्यापारियों ने खाने में सब्जी पूड़ी, खिचड़ी व चाय पानी की पूरी व्यवस्था कर के रखी हुई थी।