नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्र सरकार ने एनडीए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों द्वारा चौबीसों घंटे 'जेड प्लस' श्रेणी का सिक्योरिटी कवच प्रदान किया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि गृह मंत्रालय से मंगलवार शाम को मिले आदेश के बाद सीआरपीएफ ने बुधवार सुबह से मुर्मू को सुरक्षा मुहैया करायी है। ओडिशा की 64 वर्षीय राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला होंगी।
2017 में भी राष्ट्रपति पद के लिए कर रही थी विचार
जमीनी स्तर की राजनेता द्रौपदी मुर्मू किसी भी राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता थीं। उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। मुर्मू झारखंड की कार्यकाल पूरा करने वाली पहली राज्यपाल थीं। वह 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए भी विचार कर रही थीं लेकिन रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया गया था। मुर्मू का राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ जब उन्होंने ओडिशा के रायरंगपुर में पार्षद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में उन्होंने 2000 में रायरंगपुर से विधानसभा चुनाव जीता और राज्य में बीजेडी-बीजेपी सरकार में मंत्री बनीं। एक विधायक और राज्य मंत्री के रूप में द्रौपदी ने अपने कार्यकाल में बहुत सम्मान अर्जित किया। गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। चार राज्यों में अनुसूचित जनजातियों के लिए 128 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 35 सीटें जीती थीं।

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