ष्ट॥न्ढ्ढक्चन्स्न्: पश्चिमी सिंहभूम जिले के उलीझारी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चाईबासा मेडिकल कॉलेज की निर्माण कार्य की शुरुआत तमाम विरोध एवं विवादों के बीच शुरू कर दी गई है। नरेंद्र मोदी की घोषणा से ही जमीन को लेकर क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। हालांकि इसके पीछे कुछ राजनीतिक दल के द्वारा विरोध की राजनीति चमकाने और आदिवासियों पर अपना वर्चस्व कायम करने को लेकर तमाम तरह की कवायदें होती रहीं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और सरकार के ²ढच़् इच्छाशक्ति के आगे तमाम विवाद एवं विरोध को दरकिनार करते हुए इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत हो गई है जिससे मेडिकल एवं डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले छात्र-छात्राओं को एक नई उम्मीद की किरण दिखने लगी है।

ग्रामीणों ने किया था विरोध

300 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज का 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ऑनलाइन शिलान्यास किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट और उनके हाथों में चाईबासा मेडिकल कॉलेज की इस योजना का ऑनलाइन शिलान्यास के बाद उलीझारी गांव के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया था। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य पर संशय गहरा गया था। इसके बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के प्रयास से गांव के ग्रामीणों के साथ ग्राम सभा कर प्रकाश इंडस्ट्रीज को दी गई जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य की शुरुआत किया गई है।

बि¨ल्डग वर्क की शुरुआत 10 दिनों में

झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड के कार्यपालक अभियंता विश्वनाथ उरांव ने कहा कि ग्रामीणों से मिलकर उलीझारी गांव में मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत फिलहाल 25 एकड़ जमीन पर बाउंड्री वॉल कार्य की शुरुआत कर की गई है। आगामी 10 दिनों में बि¨ल्डग वर्क की भी शुरुआत कर दी जाएगी। इसके साथ ही चाईबासा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण करने की अवधि 30 महीने की है जिसे 30 महीने से पहले ही पूरा किया जाएगा।