कानपुर। Chaitra Navratri 2020: साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है। एक शारदीय नवरात्रि होती है और एक चैत्र नवरात्रि होती है। हर साल चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्लपक्ष में मनाई जाती है। इस साल ये 25 मार्च से शुरु हो रही है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रही है और 25 मार्च को दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी। 24 तारीख को दोपहर में नवरात्रि शुरु होने की वजह से पहले दिन की पूजा अगले दिन यानि कि 25 तारीख की सुबह को की जाएगी। मालूम हो नवरात्रि में 9 दिनों तक 9 देवियों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना की जाती है जो नवरात्रि के त्योहार को खास बना देता है। ये कलश 9 दिनों तक मंदिर में रखा जाता है।

विधि- विधान से पहले दिन होती है कलश स्थापना

चैत्र नवरात्रि को हिंदुओं के नव वर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है। कहते हैं चैत्र नवरात्रि में भगवान राम व मां दुर्गा का जन्म हुआ था। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते वक्त पूरे विधि- विधान को ध्यान में रखा जाता है। कलश में आम के पत्ते व जौ के दाने के साथ सूखा नारियल भी रखा जाता है। नवरात्रि में नौ दिन तक व्रत रखना अत्यंत लाभकारी माना गया है। नवें दिन 9 कन्याओं को पकवान खिलाकर व्रत का पारण करेंगे तो सभी 9 देवियां प्रसन्न होंगी और उत्तम फल देंगी।

किस दिन किस देवी की होगी पूजा

चैत्र मास में नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री मां का होता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रम्हचारिणी की पूजा होती है। वहीं तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा का पूजन होता है। नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। छठे दिन माता कत्यायनी की पूजा की जाती है। वहीं नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को पूजा जाता है। आठवें दिन माता महागौरी व नवें दिन मां सिद्धिदात्री की अर्चना होती है। ये सभी 9 रुप माता दुर्गा के माने गए हैं।