डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 17 April 2021 शनिवार को पंचमी तिथि 20:33:10 तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि हैं। पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं। आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें। इस तिथि में बिल्व नही खाना चाहिए यह तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए शुभ है तथा इस तिथि में ऋण किसी भी कीमत पर न दें। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गु17 अप्रैल 2021 दिन- शनिवार का पंचांगलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

17 अप्रैल 2021 दिन- शनिवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 05:35:46

सूर्यास्तः- सायं 06:18:00

विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- उत्तरायण

ऋतुः- बसंत ऋतु

मासः- चैत्र माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- पंचमी तिथि 20:33:10 तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि

तिथि स्वामीः- पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं।

नक्षत्रः मृग नक्षत्र 26:34:00 तक तदोपरान्त आर्द्रा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- मृग नक्षत्र के स्वामी मंगल देव हैं तथा आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु जी हैं।

योगः- शोभन 19:17:16 तक तदोपरान्त अतिगंड

दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 05:54:00 से 07:30:00 तक

राहुकालः- आज का राहु काल 09:07:00 से 10:44:00 तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में बिल्व नही खाना चाहिए यह तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए शुभ है तथा इस तिथि में ऋण किसी भी कीमत पर न दें।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”