डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2021 Day 4 Maa Kushmanda Aarti-Bhog: नवरात्रि में भक्तजनों को प्रत्येक दिन की देवियों का आशीर्वाद उनके स्वरुपों के अनुसार मिलता रहता है। ये देवियां अपने विशेष गुणों को आशीर्वाद रुपी प्रसाद रुप में भक्तजन को देती रहती है। इनमें से कुछ देवियां शांत स्वभाव की है, कुछ उग्र स्वभाव की है, कुछ मिली-जुली स्वभाव की है, जो व्यक्ति जिस स्वभाव का है उसी के अनुसार नौ दुर्गा की पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। ऐसे में नवरात्रि के चाैथे दिन देवी की कुष्मांडा देवी के रुप में की जाती है। चाैथे नवरात्रि में माल-पुए का भोग लगाकर मंदिर में ब्राह्मणों को दान करने से बुद्धि का विकास के साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है।
कुष्मांडाः-
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।
इस देवी की आठ भुजाएं बताई गई है इसलिए इन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। इनके आठों हाथों में भिन्न भिन्न तरह के वस्तुएं बताई गई है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष-बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा है इनके आठवें हाथ में सभी तरह की श्रद्धियाँ सिद्धियाँ देने वाली जप की माला है। देवी का वाहन सिंह है इस देवी के निवास सूर्य मंडल के भीतर लोक में बताया गया है। सूर्य लोक में रहने के कारण संपूर्ण शक्ति क्षमता इनमें बताई गई। इनके शरीर से क्रान्ति और आभा सूर्य के समान दिखाई देती है। इनके तेज से दशों दिशायें आलोपित होती है। संपूर्ण ब्रह्मांड में इनका तेज परिव्याप्त है इनकी पूजा से भक्तजन तेज एवं शक्तिशाली महसूस करते है। और अपने को महिमामंडित बनाने में भी सफल होते है।


मां कुष्मांडा की यह आरती भी गाई जा सकती है

चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।

जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है

आध्शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।

इस शक्ति के तेज से कहीं छाव कही धुप॥

कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।

पेठे से भी रीज्ती सात्विक करे विचार॥

क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।

उसको रखती दूर माँ, पीड़ा देती अपार॥

सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए।

शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥

नवरात्रि में मां दुर्गा के अचूक मंत्र, जो आपको बनाएंगे निरोगी और धनवान

नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ।

नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ॥

जय माँ कुष्मांडा मैया।

जय माँ कुष्मांडा मैया॥