चैत्र नवरात्र का शुभारंभ 18 मार्च से, मां कल्याणी देवी व मां ललिता देवी मंदिर प्रबंध समिति ने बनाई रणनीति

ALLAHABAD: मां भगवती की अराधना का सबसे बड़ा पर्व नवरात्र भव्य तरीके से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 18 मार्च से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। इस दौरान आठ दिनों तक शक्तिपीठ मां कल्याणी और मां ललिता देवी मंदिर में माता रानी का अलौकिक श्रृंगार किया जाएगा। दोनों स्थानों पर नवरात्र को महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। आठ दिन में हर दिन मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भ गृह तक अलग-अलग तरीके से सजावट की जाएगी। मां के दरबार का प्रतिदिन स्वर्ण आभूषण के अलावा समुद्री मोतियों, बनारसी साड़ी, सब्जियों, गुलाब, गेंदा, गुड़हल, रजनीगंधा व बेला के फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। इसके लिए दोनों मंदिर की प्रबंध समिति ने वाराणसी और कोलकता के कारीगरों को आतंरिक व बाहरी साज सज्जा का आर्डर दिया है।

- मीरापुर स्थित मां ललिता देवी और मां कल्याणी देवी मंदिर में नवरात्र के पहले दिन ही सुबह आठ बजे शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होगा। इसकी पूर्णाहुति नवमी यानि 25 मार्च को होगी।

- वाराणसी की बनारसी साड़ी व वृंदावन की लाल चुनरी से माता रानी का दरबार प्रतिदिन सजाया जाएगा। इसके लिए खासतौर से जड़ी व मोती से निर्मित चुनरी मंगाई गई है।

- प्रतिदिन शाम सात बजे मां भगवती की महाआरती उतारी जाएगी। परिसर की सुरक्षा के लिए कल्याणी देवी मंदिर में छह और ललिता देवी मंदिर में तीन सीसीटीवी कैमरा लगाने की व्यवस्था की गई है।

इस बार नवरात्र में अलग-अलग दिन फल, फूल, सब्जी व बनारसी साड़ी से माता का दरबार सजाने की व्यवस्था की गई है। तीन दिन बाद कारीगर मंदिर पहुंचकर मंदिर को भव्यता प्रदान करने के काम में जुट जाएंगे।

पं। श्यामजी पाठक, व्यवस्थापक, मां कल्याणी देवी प्रबंध समिति

नवरात्र को देखते हुए मंदिर के आतंरिक और बाहरी साज सज्जा के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन अलग-अलग फूलों की श्रृंखला का आकर्षण दिखाया जाएगा। गर्भ गृह में फूलों, समुद्री मोती व सब्जियों से श्रृंगार किया जाएगा।

हरि मोहन वर्मा, संयोजक, मां ललिता देवी प्रबंधन समिति