जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया प्रखंड निवासी सात्विक लोधा एनटीए द्वारा जारी नीट परीक्षा कुल 720 अंकों में 690 प्राप्त कर स्टेट टॉपर बन गये. सात्विक ने ऑल इंडिया में भी 20वीं रैंक प्राप्त की है. सात्विक की इस सफलता से घर पर जश्न जैसा महौल है. सात्विक के पिता विकास लोधा व्यवसायी है और मां हिना लोधा गृहणी है. राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा में पूर्वीसिंहभूम जिले के 2603 छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया था जिसमें 432 छात्र उत्तीर्ण हुए है. जिला में सात्विक के बाद दूसरे स्थान पर सोनारी के जक्का भार्गव रहे. जक्का को ऑल इंडिया रैंकिंग में 219 वां स्थान प्राप्त हुआ है. जक्का को 720 में कुल 671 मा‌र्क्स प्राप्त हुए हैं. तीसरे स्थान पर भु्रति उच्चवास सेठी हैं उन्हें सामान्य केटेगरी में ऑल इंडिया कैटेगरी में 386वीं रैक प्राप्त हुई है. एसी केटेगरी में उसे देशभर में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है. पूरे झारखंड की बात करें तो 16934 छात्रों ने परीक्षा दी थी. इसमें से 10297 छात्रों ने परीक्षा उत्तीर्ण की.

खुद तैयार किया क्वेश्चन बैंक और पढ़ा

8 घंटे सेल्फ स्टडी और सात घंटे को¨चग. कुल मिलाकर दिन भर में 15 घंटे की पढ़ाई. सेल्फ स्टडी के दौरान सभी विषयों का खुद से क्वेश्चन बैंक तैयार करना और इसके सभी सवालों को हल करना. यही रहा सात्विक लोधा की सफलता का राज. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट यानी नीट 2019 में देशभर में 20वां तथा झारखंड में पहला रैंक प्राप्त करने वाले चाकुलिया के सात्विक लोधा ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत में बताया कि पढ़ाई में सबसे जरूरी चीज निरंतरता है. कभी भी आज की पढ़ाई को कल पर नहीं छोड़ना चाहिए. आज का होमवर्क आज ही पूरा करना चाहिए. पढ़ाई से लंबा ब्रेक भी नहीं लेना चाहिए. देर रात तक जग कर पढ़ना कोई जरूरी नहीं है. नीट की तैयारी के दौरान सात्विक कभी रात भर जगकर नहीं पढ़ते थे. रात 12 बजे से पहले सो जाते और सुबह सात से पहले उठ जाते. सुबह थोड़ा व्यायाम एवं योगाभ्यास जरूर करते. इसकी प्रेरणा उन्हें अपने दादा दुर्गा दत्त लोधा से मिली थी. सात्विक ने बताया कि योग एवं व्यायाम से शरीर तो फिट रहता ही है, सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है. कोटा में परीक्षा की तैयारी के दौरान वह जिस विषय की पढ़ाई करते उससे खुद सवाल निकालते और उसे हल करते. इस तरह करीब 700- 800 पन्नों का एक क्वेश्चन बैंक उन्होंने तैयार कर लिया था जिससे उन्हें काफी फायदा मिला. परीक्षा के अधिकांश सवाल इसी में से आए थे. बातचीत के दौरान सात्विक ने एक दिलचस्प बात बताई. उनका कहना था कि पहले उनका सपना इंजीनियर बनना था. लेकिन दसवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान शिक्षक ¨वसेंट जोसेफ ने बायोलॉजी इतनी अच्छी तरीके से पढ़ाई कि इस विषय के प्रति उनकी रुचि प्रगाढ़ हो गई. तभी उन्होंने तय किया कि आगे चलकर डॉक्टर ही बनना है. सात्विक अपने शानदार सफलता का श्रेय परिवार के लोगों के अलावा बचपन के शिक्षक काशीनाथ धल, अजीत दास, ¨वसेंट जोसेफ तथा एलन को¨चग के सभी शिक्षकों को देते हैं.

हेपाटोलॉजी का विशेषज्ञ बनना चाहता है सात्विक

चाकुलिया : सात्विक आगे चलकर एक हेपाटोलॉजी का विशेषज्ञ डॉक्टर बनना चाहता है. हेपाटोलॉजी लीवर से संबंधित बीमारी है. बचपन से मेधावी छात्र रहे सात्विक ने चाकुलिया के रामकृष्ण विवेकानंद इंग्लिश स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद मसूरी के एक विद्यालय से हाई स्कूल पास किया. उसके बाद राजस्थान के कोटा में रहकर पढ़ाई एवं नीट की तैयारी शुरू की. कोटा के डिसेंट स्कूल में प्लस टू की पढ़ाई के साथ-साथ एलन को¨चग सेंटर में दाखिला लेकर वह पूरे मनोयोग से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने लगा. सात्विक की शानदार सफलता पर पिता विकास लोधा तथा मां हिना लोधा के अलावा उसके दादा दुर्गादत्त लोधा, दादी पुष्पा लोधा, ताऊ विशाल लोधा, ताई प्रेरणा लोधा समेत पूरे लोधा परिवार में हर्ष व्याप्त है.